पिछले चार महीने से भी अधिक समय से देशभर के किसान दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे हैं। किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच गतिरोध जारी है। किसान नेता अब दिल्ली की सीमाओं के अलावा देश के अन्य हिस्सों में भी महापंचायत कर रहे हैं। किसान नेता राकेश टिकैत प्रधानमंत्री मोदी के गृहराज्य गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर हैं। अपने गुजरात दौरे पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अब गुजरात में प्रदर्शन करने का समय आ गया है। अगर जरुरत पड़ी तो किसान यहां के बैरिकेड्स भी तोड़ देंगे।
गुजरात में किसान नेता नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यहां के किसान अपने आंदोलन में ट्रैक्टर लेकर आएंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि गांधीनगर का घेराव करने और सड़कों को बंद करने का वक्त आ चुका है। यदि इस दौरान हमें बैरिकेड्स तोड़ने की भी जरुरत पड़े तो हम उसे तोड़ देंगे। अपने दो दिवसीय गुजरात दौरे पर किसान नेता राकेश टिकैत गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला के साथ साबरमती आश्रम भी गए। जहां उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि भी दी।
अपने गुजरात दौरे पर राकेश टिकैत ने कहा कि यहां के किसान सरकार की प्रणाली से खुश नहीं हैं। साथ ही टिकैत ने कहा कि गुजरात के किसान दहशत में हैं और जल्दी ही सब लोग आंदोलन में शामिल होंगे। आगे टिकैत ने कहा कि गुजरात में किसानों की जमीन छीनी जा रही है। सरकार इसी गुजरात मॉडल को पूरे देश में लागू करना चाहती है और किसानों की जमीन को कॉरपोरेट घराने को देना चाहती है। लेकिन ऐसा नहीं होगा, पूरे देश के किसान इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे।
आगे टिकैत ने कहा कि गुजरात में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के कारण किसानों को मुकदमे झेलने पड़ रहे हैं। अगर देशभर के किसान गुजरात के किसान के साथ खड़े ना होते तो यहां के लोगों को जेल जाना पड़ता। यहां पर आंदोलन नहीं है। बल्कि यहां के किसानों को जबरदस्ती खुश रहने को कहा जा रहा है। इसके अलावा टिकैत ने कहा कि गुजरात के किसानों को तीन रुपए किलो में आलू बेचना पड़ता है। गुजरात का किसान दहशत में है इसलिए यहां आंदोलन करना पड़ेगा।
इसके अलावा किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर देश में 3T रहेगा तभी देश कामयाब होगा। राकेश टिकैत के 3T कहने का मतलब ट्विटर, ट्रैक्टर और टैंक से था। राकेश टिकैत के गुजरात दौरे पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला भी उनके साथ मौजूद रहे। बताते चलें कि किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच 12 दौर की बातचीत होने के बाद ही कोई समाधान नहीं निकल पाया है।