भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मंगलवार को यूपी बार्डर के पास एक अस्पताल में जाकर कोरोना वैक्सीन लगवाई। उन्होंने वैक्सीन के लिए धरना स्थल से कुछ दूर पर मौजूद कौशांबी के यशोदा सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल तक का सफर तय किया। यहां कुछ इंतजार के बाद सुबह 10 बजे उन्हें वैक्सीन की पहली डोज दी गई और निगरानी में रखा गया। फिर 11 बजे वे अस्पताल से रवाना हो गए।
बता दें कि कोरोनावायरस के केस बढ़ने के बाद राकेश टिकैत ने मांग की थी कि सरकार आंदोलन कर रहे किसानों को वैक्सीन लगवाए। उन्होंने मांग की थी कि आंदोलन स्थलों पर सरकार को टीकाकरण केंद्र खोलने चाहिए। किसान आंदोलन पर कोरोना के खतरे को लेकर टिकैत ने कहा था कि किसानों के द्वारा सामाजिक दूरी का ध्यान रखा जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि हम कोविड के डर से आंदोलन खत्म करने वाले नहीं हैं। जब तक कानून वापस नहीं लिए जाएंगे आंदोलन चलता रहेगा।
कोरोना वैक्सीन की किल्लत के बीच आपस में उलझ रहे राजनीतिक दल: बता दें कि कोरोनावायरस टीकाकरण अभियान पूरी तेजी से जारी है। हालांकि, इस बीच वैक्सीन की कमी का मुद्दा भी जोर पकड़ता जा रहा है। महाराष्ट्र, यूपी और ओडिशा समेत कई राज्यों में वैक्सीन की कमी के चलते टीकाकरण केंद्रों को बंद भी किए जाने की खबर आ चुकी है। इसे लेकर राजनीतिक दल आपस में उलझ चुके हैं।
इनमें सबसे पहले महाराष्ट्र सरकार ने वैक्सीन की कमी का मुद्दा उठाया। इसके बाद राजस्थान सरकार ने भी टीके के सीमित स्टॉक्स होने की बात कह केंद्र सरकार से मदद मांगी थी। कोरोना वैक्सीन की कमी का सबसे ताजा मामला ओडिशा से आया है, यहां वैक्सीन की कमी के कारण 11 जिलों में टीकाकरण अभियान रोक दिया गया।
वैक्सीन की कमी को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजेडी) और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है। श्रम मंत्री सुशांत सिंह ने केंद्र पर राजधर्म नहीं निभाने और टीकों के वितरण में ओडिशा से भेदभाव का आरोप लगाया है। वहीं बीजेपी विधायक मुकेश महालिंग ने कहा कि ओडिशा समेत पूर्वी भारत केंद्र सरकार की प्राथमिकता सूची में शामिल है। श्रम मंत्री ने पत्रकारों से कहा कि आंकड़े बताते हैं कि बीजेपी शासित राज्यों को वैक्सीन देने में प्राथमिकता दी जा रही है।