बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को आरोप लगाया कि भाजपा अयोध्या में राम मंदिर मुद्दे को सिर्फ जिंदा रखना चाहती है। ऐसा नहीं है कि उसके मन में भगवान श्रीराम के प्रति श्रद्धा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत के राम मंदिर को लेकर कोलकाता में दिए गए बयान से जुड़े एक प्रश्न पर नीतीश ने यह आरोप लगाया। नीतीश ने कहा कि उन्होंने भगवान श्रीराम के साथ इस प्रकार का व्यवहार किया, मानो वे भाजपा के सदस्य हों। वे श्रीराम मंदिर मुद्दे को बनाए रखने और भुनाने के लिए और लोगों के मन में भगवान श्रीराम के प्रति जो भावना है, उसका इस्तेमाल करना चाहते हैं। इसलिए इन लोगों का राम मंदिर के बारे में क्या रवैया है, यह स्पष्ट है।
उन्होंने कहा कि श्रीराम मंदिर के बारे में यह बात तय है कि इसका समाधान या तो अदालत के फैसले से होगा या आपसी रजामंदी से। इसलिए उनको इस दिशा में प्रयास करना चाहिए। ये लोग बीच-बीच में इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश करते हैं। इनको बस मुद्दे को जिंदा रखना है। कहते हैं कि ‘मंदिर वहीं बनाएंगे , तारीख नहीं बताएंगे।’ ये कैसे भक्त हैं।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को कोलकाता में एक कार्यक्रम में कहा था कि सबसे बड़ा लक्ष्य मेरे जीवनकाल में हकीकत बन सकता है। हो सकता है कि हम उसे अपनी आंखों से देखें। भागवत ने कहा, कोई नहीं कह सकता कि मंदिर का कैसे और कब निर्माण होगा। लेकिन हमें इसके लिए तैयारी करने और तैयार रहने की जरूरत है। भागवत यहां राम मंदिर निर्माण आंदोलन में शामिल राम कोठारी और संपद कोठारी की बरसी पर श्रद्धांजलि अर्पित करने आए थे।
उधर पत्रकारों से बातचीत में नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी जद (एकी) का चुनाव चिह्न तीर से बदलकर चक्र रखने का प्रयास चल रहा है। उन्होंने कहा कि अन्य दल का चुनाव चिह्न तीर-धनुष रहने के कारण तीर को वोट डालने वाले लोग गलतफहमी का शिकार हो जाते हैं और इसके कारण नुकसान हो जाता है। उन्होंने हाल में संपन्न बिहार विधानसभा की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस बार कई सीटों पर इसी कारण से हार हुई है। इसलिए पार्टी के अंदर आम राय है कि चुनाव चिह्न को बदल दिया जाए।