जद (एकी) के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा का विजय रथ इस साल बिहार में रुक जाएगा क्योंकि पार्टी चुनावी वादे निभाने में अपनी नाकामी को छिपाने के लिए विभाजनकारी रणनीति अपना रही है।

उन्होंने कहा कि भाजपा का विजय रथ यहां रुक जाएगा। कुमार ने कहा, ‘भाजपा की धीरे धीरे हवा निकल रही है। 2015 में पाखंड की हार हो जाएगी।’ बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कुमार ने कहा कि 2014 में भाजपा काला धन वापस लाने, युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने और बिहार को विशेष दर्जा देने सहित कई झूठे वादे करके सत्ता में आई।

उन्होंने कहा, ‘लेकिन ये सभी वादे उन पर भारी पड़ेंगे और भाजपा धर्म परिवर्तन और राष्ट्रपिता के हत्यारे नाथूराम गोडसे के नाम के सहारे उग्र भगवा संगठनों की मदद से विभाजनकारी रणनीति अपनाकर लोगों का ध्यान अपने एजंडे से हटाना चाहती है।’ पुराने जनता परिवार के विलय के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ‘विलय तय है और कुछ औपचारिकता ही बाकी है।’ जनता परिवार से टूट कर बने दलों को जोड़ने में वह महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

जब यह पूछा गया कि क्या वह इस साल चुनाव के बाद बिहार में अखंड जनता पार्टी की अगुआई करेंगे, कुमार ने कहा, ‘विलय प्रकिया पूरी होने के बाद सही समय पर इन मुद्दों पर फैसला होगा।’ भाजपा को हराने के लिए क्या कांग्रेस और वामदल को अखंड जनता पार्टी के साथ काम करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा, कुमार ने इसकी संभावना से इनकार नहीं किया लेकिन कहा कि ये सभी भविष्य के मुद्दे हैं।

नीतीश ने कहा कि भाजपा नेता डर से अखंड जनता पार्टी की आलोचना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर डर नहीं होता तो वे इसे नजरंदाज कर देते लेकिन उनको डर लग रहा है इसलिए वे कई चीजें कह रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि भाजपा की राज्य और देश में विजय के ठीक दो महीने बाद बिहार में पिछले साल 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में देश ने जद (एकी), राजद और कांग्रेस वाली एकीकृत धर्मनिरपेक्ष पार्टियों की जीत को देखा।

सात महीने में नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने, ‘केंद्र सरकार में ये लोग या तो भ्रमित हैं या जानबूझकर धर्मपरिवर्तन और अन्य मुद्दों के जरिए लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।’ कुमार ने कहा, ‘लोग उनकी करनी और कथनी में फर्क देख रहे हैं।’

यह पूछे जाने पर कि वह अपनी जनसभाआें में प्रधानमंत्री के टेप क्यों चलाते हैं कुमार ने कहा कि विपक्ष के नेता होने के नाते जनता को सचाई से अवगत कराना उनका कर्तव्य है। प्रधानमंत्री की ओर से शुरू स्वच्छता अभियान पर उन्होंने कहा कि यह देश में नया नहीं है। उन्होंने कहा, ‘महात्मा गांधी के बाद किसी ने स्वच्छता पर जोर दिया तो वे राममनोहर लोहिया थे जिनकी विचारधारा का हम पालन करते हैं।’