उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के शुरुआती महीनों में चुनाव होने हैं। ऐसे में तमाम दल अपनी-अपनी रणनीति पर काम कर रहे हैं। वहीं सूबे की योगी सरकार विधानसभा चुनाव से एक महीना पहले विज्ञापनों पर 150 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इस बात का जिक्र सरकार ने अपने बजट में किया है। वहीं पिछले साल योगी सरकार ने विज्ञापनों में 160 करोड़ रुपए खर्च किए थे।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सीएम योगी के कंधे पर हाथ रखे जाने की फोटो को भी विज्ञापनों में दिखाया गया। सीएम योगी के लिए यह फोटो बेहद खास बताई जा रही है। दरअसल कुछ महीने पहले अटकलें लगाई जा रही थी कि, यूपी चुनाव में भाजपा, योगी नेतृत्व से अलग विकल्प तलाश सकती है।

मोदी और योगी की फोटो के क्या है मायने: नवंबर में पीएम मोदी के यूपी दौरे के दौरान सीएम योगी के कंधे पर हाथ रखने वाली फोटो सामने आयी। इससे साफ माना जा रहा है कि भाजपा यूपी चुनाव योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगी। इसलिए योगी ने भी विज्ञापनों में इस फोटो पर पैसा खर्च किया और पूरी दुनिया को बताने की कोशिश की कि पार्टी आलाकमान का विश्वास उनपर बना हुआ है।

बता दें कि योगी सरकार ने अपने बजट में बताया कि 150 करोड़ रुपये खर्च सरकारी विज्ञापनों में करेगी। ऐसे में सरकार के कामों को गिनाने को लेकर दिये जा रहे विज्ञापनों में पीएम मोदी और योगी की साथ वाली फोटो का भी इस्तेमाल किया गया है। विपक्ष का आरोप है कि योगी सरकार सरकारी खर्च से चुनावी हित साध रही है। बता दें कि विज्ञापनों में काशी विश्वनाथ धाम के उद्घाटन की तस्वीरें भी खूब इस्तेमाल की गई हैं।

RTI से मिली जानकारी: एक जन सूचना अधिकार के तहत दायर की गई आरटीआई से पता चला है कि अप्रैल 2020 से लेकर मार्च 2021 के बीच योगी सरकार ने टीवी न्यूज चैनलों और अखबारों को विज्ञापन देने में 160.31 करोड़ रुपए खर्च किए थे। इस दौर में देश में लॉकडाउन भी रहा। इसमें विज्ञापनों के लिए राष्ट्रीय समाचार चैनलों को 88.68 करोड़ रुपए, क्षेत्रीय न्यूज चैनल्स को 71.63 करोड़ रुपये दिए गए।

बता दें कि अखिलेश सरकार के आखिरी साल की बात करें तो, एलईडी प्रचार के लिए 85 करोड़ रुपये खर्च किए गए। योगी सरकार के मुकाबले यह रकम बहुत कम है और समय भी ज्यादा है। वहीं अगर योगी सरकार और अखिलेश यादव की सरकार की तुलना करें तो योगी विज्ञापनों में खर्च करने में कहीं आगे दिखाई दे रहे हैं।

योगी आदित्यनाथ के सत्ता पर काबिज होने के बाद शुरुआती साढ़े सात महीने तक विज्ञापनों में लगभग 10 करोड़ रुपये खर्च किए गये। सूचना के अनुसार, एलईडी वैन से प्रचार कराने में वित्तीय वर्ष 2017-18 के शुरुआती साढ़े सात महीनों में 9 करोड़ 92 लाख 68,792 रुपये खर्च किए थे।