उत्तर प्रदेश के लखीमपुर हिंसा मामले में कांग्रेस जिस तरह सक्रिय हुई है, उसको लेकर भारतीय जनता पार्टी ने एक ट्वीट के जरिए तंज कसा है। भाजपा ने अपने ट्वीट में कहा है कि, कांग्रेस, यूपी में मानवाधिकार के हनन की बात करती है लेकिन कांग्रेस शासित राज्यों में हो रहे अत्याचारों का जिक्र नहीं करती। बता दें कि इस ट्वीट में भाजपा ने एक कार्टून फोटो शेयर की है, जिसमें “पीछे तो देखो” लिखा है।
भाजपा ने ट्वीट में लिखा है- “जिनकी सरकारों में रोज़ हो रहा है अत्याचार, वो खुद को बता रहे हैं चैम्पियंस ऑफ मानवाधिकार।” वहीं इसके जवाब में कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पलटवार करते हुए लिखा कि, “वो चाहते हैं- कोई आँसू न पोंछे। हमारी ज़िद है- हम हर आँसू पोंछेंगे।”
बता दें कि इन ट्वीट्स पर लोगों ने कई तरह की प्रतिक्रियाएं भी दी हैं। भाजपा के ट्वीट पर एक यूजर विवेक अग्रवाल(@vivekag11720823) ने लिखा कि, “क्या कहना चाहते हो दूसरी पार्टी की सरकार में हो रहा है तो आपको भी अत्याचार करने का लाइसेंस मिल गया, अंतर क्या रहेगा दोनों पार्टियों में।”
वहीं अजीत ने लिखा कि, “अरे भाई वहाँ आप को जाने और वहाँ की मौजूदा सरकार की निष्क्रियता को जनता के सामने लाना चाहिए। जैसा कि कांग्रेस आप को समय-समय पर दर्पण दिखा रही है। आप भी कांग्रेस के राज्यों में जाकर उनके कानून व्यवस्था की पोल खोलिए। या सिर्फ ट्वीट करके कार्टून बनाकर ही अपने कर्तव्य का पालन करोगे?।”
वहीं भाजपा के ट्वीट पर विजय कुमार(@vijay_tatatel) ने लिखा कि, “आपको किसने रोका है कांग्रेस शासित प्रदेशों में जाकर आंदोलन करने से ?”
इसके अलावा कांग्रेस के आंसू पोछने वाले ट्वीट पर शशांक शेखर(@shashank_ssj) ने लिखा- “जबरदस्ती है?” वहीं महेश दुबे(@mpdubey86) ने लिखा, “राजस्थान में कई लोगों के आंसू निकल रहे हैं, वहाँ भी पोंछना।”
रुपेश विश्वकर्मा(@rupeshvishwak13) ने लिखा कि, बगैर राजनीतिक द्वेष के हर जगह, हर व्यक्ति के आंसू पोछे जाएं, तभी सच्चे पूज्य महात्मा गांधी जी के अनुयायी आपको जनता मानेगी।
बता दें कि लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर कांग्रेस की सक्रियता पर भाजपा ने आरोप लगाया है कि, कांग्रेस मानवाधिकारों की बात भाजपा शासित राज्यों में ही करती है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, “कांग्रेस को राजस्थान में दलितों पर हो रहे अत्याचार से वोटों का नुकसान होगा, इसलिए वो उस पर चुप्पी साधे हैं। लेकिन दूसरे राज्यों में जाकर सड़क पर लड़ाई का प्रयास कर रहे हैं।”
पात्रा ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि, “राजस्थान का प्रशासन वहां दलितों के साथ हो रही घटनाओं पर कोई कार्रवाई नहीं करता, क्या राजस्थान के दलितों का कोई मानवाधिकार नहीं है?”
बता दें कि 12 अक्टूबर को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के 28वें स्थापना दिवस पर पीएम मोदी ने भी कहा था कि, “मानवाधिकार का बहुत ज्यादा हनन तब होता है जब उसे राजनीतिक रंग से देखा जाता है, राजनीतिक चश्मे से देखा जाता है, राजनीतिक नफा-नुकसान के तराजू से तौला जाता है। इस तरह का सलेक्टिव व्यवहार, लोकतंत्र के लिए भी उतना ही नुकसानदायक होता है।”
उन्होंने कहा कि, “हम देखते हैं कि ऐसे ही सलेक्टिव व्यवहार करते हुए कुछ लोग मानव अधिकारों के हनन के नाम पर देश की छवि को भी नुकसान पहुंचाने का प्रयास करते हैं। ऐसे लोगों से देश को सतर्क रहना है।”