सरकार द्वारा विधि आयोग को समान नागरिक संंहिता का अध्ययन के लिए कहे जाने के बीच भाजपा ने शुक्रवार को इसकी वकालत की और कहा कि संविधान में जिक्र होने के बाद भी वोट बैंक राजनीति के कारण इसका विरोध किया जाता रहा है। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा, ‘‘इस पर खुली बहस होनी चाहिए। संविधान इसकी वकालत करता है और जो इसका विरोध करते हैं वे सिर्फ संविधान के प्रति अपनी असहिष्णुता दर्शाते हैं। हमने हमेशा इसकी वकालत की है। समान नागरिक संहिता होनी चाहिए। इसका विरोध वोट बैंक राजनीति के कारण किया जाता रहा है।’’
समान नागरिक संहिता लागू किया जाना पार्टी और संघ परिवार के लिए लंबे समय से एक प्रमुख सिद्धांत रहा है। लेकिन इस मुद्दे के अलावा अनुच्छेद 370 हटाए जाने की मांग, राम मंदिर निर्माण जैसे विवादित मुद्दों को पहली राजग सरकार के एजेंडा से अलग रखा गया था।