उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। भाजपा को चुनौती देने वाले दलों में सपा, बसपा और कांग्रेस सभी अपने वोट बैंक को वापस पाने की कोशिश में हैं। हालांकि, AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के यूपी में चुनाव लड़ने के फैसले से इन पार्टियों को मुस्लिम वोट बैंक छिनने का डर सता रहा है। इस पर शुक्रवार को एक टीवी डिबेट में चर्चा के दौरान भाजपा नेता ने जमकर तंज कसे। उन्होंने सपा-बसपा के साथ ओवैसी की धर्मगत राजनीति को निशाना बनाया और विकास की राजनीति की बात की।

दरअसल, एंकर ने भाजपा प्रवक्ता से पूछा कि आपके लिए कौन सा नेता जरूरी है? वो जो कहे कि मैं इस धर्म का नेता बनाउंगा, मुख्यमंत्री बनाउंगा, प्रधानमंत्री बनाउंगा या वो जो कहे कि मैंने ये नहीं देखा कि हिंदू, मुस्लिम, सिख या इसाई, हर घर सड़क, बिजली-गैस पहुंचाई।

क्या बोले भाजपा प्रवक्ता?: गौरव भाटिया ने कहा कि मैं यह बताना चाहता हूं कि ये जो सांप्रदायिक राजनीति करने ओवैसी जी हैदराबाद से उत्तर प्रदेश आए हैं न, इनका ये जो वक्तव्य है कि मैं मुसलमान मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बनाउंगा। यह खुद ही रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स ऐक्ट और सर्वोच्च न्यायालय के जो तमाम फैसले और नजीर के खिलाफ हैं। बता दें कि हाल ही में ओवैसी ने चुनौती देते हुए कहा था कि वे योगी को यूपी का मुख्यमंत्री नहीं बनने देंगे। इसे लेकर भाजपा ने उन पर निशाना साधा था।

ऐसा क्यों है, क्योंकि एक तरफ भाजपा मैदान में उतरेगी विकास के नाम पर कि किस तरह आयुष्मान योजना, उज्ज्वला योजना, किसान सम्मान निधि से, सपा-बसपा की सरकारों में कैसा गुंडाराज होता था, उसको समाप्त कर कानून का राज स्थापित किया है। इसी तरह एमएसएमई सेक्टर में ढाई करोड़ रोजगार के अवसर पैदा किया है।

भाटिया बोले- सभी पार्टियों में अपने को मुसलमान हितैशी दिखाने की होड़: ओवैसी पर हमला करते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “ये वो ओवैसी जी हैं, जो सोचते हैं कि जालीदार टोपी लगाओ और जनता को टोपी पहनाओ। ये उत्तर प्रदेश की जनता है। घुसने नहीं देगी। अगर यहां आपने सांप्रदायिक राजनीति की और याकूब मेमन को फांसी गलत हुई ऐसा बताया, तो ये यूपी की जनता आपकी जालीदार टोपी का क्या हाल करेगी, ये आपको 2022 में पता चल जाएगा।”

गौरव भाटिया बोले- “अभी सपा, बसपा, कांग्रेस और AIMIM में अभी होड़ लगने वाली है कि बड़ा मुसलमान कौन? ये मुस्लिमों के हितैशी नहीं हैं, लेकिन जालीदार टोपी पहनकर मुस्लिमों को टोपी पहनाएंगे और वोट बैंक की राजनीति करेंगे। 2006 में सच्चर कमेटी की रिपोर्ट आई। क्या कांग्रेस ने उस पर चिंता की। सपा का घोषणापत्र कहता था कि सच्चर कमेटी की सिफारिशें लागू करेंगे। सरकार आई तो उन्होंने किया क्या? हां कब्रिस्तान-श्मशान जरूर किया इन्होंने।”