लोकसभा चुनाव में एनडीए ने बहुमत हासिल कर सरकार बना ली है। बीजेपी नेता नरेंद्र मोदी तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बन गए हैं। पीएम मोदी सहित 71 मंत्रियों ने भी शपथ ली है। बीजेपी का प्रदर्शन उत्तर प्रदेश में खराब रहा है ऐसे में वहां से आने वाले मंत्रियों और उनकी संख्या पर सभी की नजरें हैं।

गौर करने वाली बात यह है कि इस बार नई केन्द्रीय मंत्रिपरिषद में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व 9 हो गया है, इससे पहले 14 मंत्री यूपी से आते थे। उत्तर प्रदेश से आने वाले इन 9 मंत्रियों में सात मंत्री भाजपा से हैं, जबकि दो मंत्री सहयोगी गठबंधन रालोद के जयंत चौधरी और अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल हैं।

जातीय समीकरण को साधने की कोशिश

उत्तर प्रदेश के नतीजों ने सभी को चौंकाया था। जहां बीजेपी के लोकसभा सांसदों की संख्या 62 से घटकर 33 पर पहुंच गई है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि सपा-कांग्रेस ने जातीय समीकरणों का खास ख्याल रख टिकट बंटवारे की योजना बनाई थी जबकि बीजेपी ऐसा करने में विफल साबित हुई, यह बीजेपी के पिछड़ने की एक खास वजह भी रही।

चुनावों में ओबीसी और दलित वोटों के इंडिया गठबंधन को ट्रांसफर हो जाने और ठाकुर नेताओं के एक वर्ग की नाराजगी को देखते हुए बीजेपी ने नए मंत्रिपरिषद में जातिगत संतुलन बनाने की पूरी कोशिश की है। नौ मंत्रियों में से तीन ओबीसी नेता हैं—जिनमें लोध नेता बीएल वर्मा (बदायूं), कुर्मी नेता पंकज चौधरी (महाराजगंज) और अनुप्रिया पटेल (मिर्जापुर) शामिल हैं।

दो दलित नेता हैं जिनमें—एसपी सिंह बघेल (आगरा) और कमलेश पासवान (बांसगांव) से शामिल हैं। पीलीभीत से जीतने वाले यूपी सरकार के मंत्री जितिन प्रसाद मंत्रिपरिषद में एकमात्र ब्राह्मण चेहरा हैं। जबकि मंत्रिपरिषद में दो ठाकुर नेता हैं, जिनमें—पार्टी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह (लखनऊ) और गोंडा से कीर्ति वर्धन सिंह उर्फ ​​राजा भैया को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। वहीं राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के नेता जयंत चौधरी जाट नेता के तौर पर मंत्रिपरिषद में शामिल हैं।

जिन नेताओं को इस बार नहीं मिला मौका

उत्तर प्रदेश में खराब प्रदर्शन के रहते बीजेपी के कई मंत्री भी चुनाव हार गए थे। अब इन्हें मोदी सरकार के मंत्रीपरिषद में भी जगह नहीं मिली है। इन नेताओं में अमेठी से चुनाव हारने वाली स्मृति ईरानी का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है। यूपी से सांसद बनकर आने वाले जो नेता मंत्रिपरिषद में शामिल नही किए गए उनमें–वीके सिंह,भानु प्रताप वर्मा,साध्वी निरंजन ज्योति,महेंद्र नाथ पांडेय,अजय मिश्रा टेनी,संजीव बालियान,कौशल किशोर का नाम शामिल है।