प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कश्मीर नीति की आलोचना करने के लिए विपक्षी दलों को आड़े हाथ लेते हुए भाजपा ने रविवार (28 अगस्त) को कहा कि जिस समय मोदी घाटी में शांति बहाल करने के लिए उन्हें साथ लेकर चलने का प्रयास कर रहे हैं, वे अपने राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए उनकी आलोचना में लगे हुए हैं। भाजपा ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्षी दल उन तक पहुंचने के लिए प्रधानमंत्री की तारीफ करने के बजाय उन पर हमले कर रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा, ‘प्रधानमंत्री कश्मीर में शांति बहाल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और उन्होंने इस संबंध में विपक्षी दलों के प्रयासों की भी सराहना की है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि कांग्रेस जैसे दल अपने राजनीतिक हितों और दुर्भावना के चलते उनकी आलोचना कर रहे हैं।’

उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री का प्रयास है कि विकास के अलावा राष्ट्रीय एकता और अखंडता के मामलों में सभी को साथ लेकर चला जाए।’ उन्होंने इस संबंध में जीएसटी पर संविधान संशोधन विधेयक पारित करने के लिए सरकार के प्रयासों का उल्लेख किया। शर्मा ने कहा कि पाकिस्तान को उजागर करने के लिए सभी पार्टियों को एक स्वर में बोलना चाहिए जो भारत के खिलाफ छद्म युद्ध छेड़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘सभी दलों को एक स्वर में बोलना चाहिए ताकि हम पाकिस्तान के षड्यंत्र को उजागर कर सकें।’ कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की नीतियों की वजह से कश्मीर मुद्दा बना रहा जबकि सरकार पटेल ने सैकड़ों रियासतों का भारत में सफलतापूर्वक विलय कराया था।

उन्होंने घाटी में समस्याओं के लिए जम्मू कश्मीर में दशकों तक रहे कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के शासन को जिम्मेदार ठहराया। मोदी ने आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि कश्मीर समस्या का समाधान निकालने के लिए ‘एकता’ और ‘ममता’ मूल मंत्र हैं। उन्होंने अशांति का माहौल पैदा करने के लिए अपने बच्चों का इस्तेमाल करने वालों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उन्हें एक दिन उन बेगुनाह बच्चों को जवाब देना होगा।