संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और नेशनल रजिस्ट्रर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) के खिलाफ असम में विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन के बीच बीजेपी ने शनिवार (4 जनवरी) को सीएएस के समर्थन में बूथ स्तर पर एक सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन का आयोजन गुवाहटी के खनपारा में किया गया।

करीब 70,000 पार्टी कार्यकर्ता इसमें शामिल हुए। सम्मेलन में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय महासचिव राम माधव, असम सरकार के मंत्री और अन्य पार्टी नेताओं ने भी शिरकत की। असम में पिछले महीने हिंसा की घटनाओं के बाद बीजेपी की यह पहले मेगा रैली थी। इस सम्मेलन को बीजेपी के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है।

रैली में नड्डा ने कहा कि ‘अचुनाव आयोग ने कुछ पार्टियों को मान्यताएं दी हैं। लेकिन कुछ पार्टियां पारिवारक दल बन चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है। 2004 से लेकर 2014 तक देश की फौज के लिए एक भी इक्यूपमेंट नहीं खरीदा गया था। मोदी के पीएम बनते ही ओआरओपी लग गया, 20 हजार करोड़ रुपये फौजियों के खाते में पहुंचाए गए। मोदी सरकार में सेना मजबूत और आधुनिक हो रही है। आज राफेल, अपाचे हेलीकॉप्टर, सबमरीन खरीदी जा रहीं है।’

बता दें कि यह मेगा रैली ऐसे समय पर की गई है जब देशभर में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी भी 10 जनवरी को रैली करने जा रहे हैं। रैली के जरिए पीएम भी सीएए के खिलाफ लोगों को एकजुट करने की कोशिश करेंगे। हालांकि रैली का असम में विरोध किया जा रहा है। कई बड़े दल रैली के रद्द करने की बात कह रहे हैं। असम के प्रमुख राजनीतिक दल ऑल असम स्टूडेंट यूनियन भी शामिल है।