भाजपा के वरिष्ठ नेता और रघुबर दास सरकार में मंत्री रहे सरयू राय ने जमशेदपुर पूर्वी सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है। बता दें कि भाजपा उम्मीदवारों की चौथी लिस्ट में भी सरयू राय का नाम नहीं है, इससे नाराज होकर वरिष्ठ नेता ने निर्दलीय ही चुनाव लड़ने का फैसला किया है। गौरतलब बात ये है कि जमशेदपुर पूर्वी सीट से ही सीएम रघुबर दास भी चुनाव मैदान में हैं। ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ नेता सरयू राय के चुनाव मैदान में उतरने से जमशेदपुर पूर्वी सीट पर मुकाबला काफी रोचक हो गया है।
सरयू राय भ्रष्टाचार के कई मामलों को उजागर करने के लिए जाने जाते हैं। इनमें से कुछ गैर-विभाजित बिहार में और कुछ झारखंड में सामने आए। सरयू राय के भ्रष्टाचार के खुलासे के बाद ही बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव और जगन्नाथ मिश्रा चारा घोटाले में दोषी पाए गए। इनके अलावा झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा के भ्रष्टाचार का खुलासा भी सरयू राय ने ही किया था। अब सरयू राय ने रघुबर दास के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और उनकी आलोचना करते हुए कहा कि “रघुबर दास, रघुबर दाग हैं, यहां तक कि मोदी डिटेर्जेंट और अमित शाह लॉन्ड्री भी इस बार उन्हें नहीं बचा पाएंगे।”
सरयू राय की बिहार के सीएम और जदयू चीफ नीतीश कुमार से काफी नजदीकी रही है और कथित तौर पर अमित शाह भी इस बात के लिए सरयू राय से नाराज बताए जाते हैं। सरयू राय का कहना है कि ‘ऐसा लगता है कि मेरी नियति में चौथे सीएम को भी जेल भेजना है।’ सरयू राय का दावा है कि झारखंड में भ्रष्टाचार, बिहार के चारा घोटाले से भी दस गुना बड़ा है।
सरयू राय ने जमशेदपुर पूर्व सीट से रघुबर दास के खिलाफ ताल ठोकने की तैयारी कर ली है, लेकिन सीएम रघुबर दास इस बात से चिंतित नहीं लगते हैं। अपने एक बयान में रघुबर दास ने कहा है कि प्रत्येक व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है। सूत्रों के अनुसार, सरयू राय इस बात से नाराज हैं कि पार्टी के दागी उम्मीदवार भानू प्रताप शाही के चुनाव प्रचार की शुरुआत सीएम रघुबर दास करेंगे। भानू प्रताप शाही 130 करोड़ रुपए के मेडिसिन घोटाले में आरोपी हैं। जमशेदपुर पूर्व सीट से रघुबर दास, सरयू राय के अलावा कांग्रेस के टिकट पर गौरव बल्लभ ने भी पर्चा भरा है।