प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री हरेकृष्ण महताब द्वारा लिखे गए पुस्तक ‘ओडिशा इतिहास’ के हिंदी अनुवाद का विमोचन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि ओडिशा का विविध और व्यापक इतिहास देश के लोगों तक पहुंचे। बताते चलें कि यह पुस्तक पहले ही उड़िया और अंग्रेजी में उपलब्ध है। जानकारों का मानना है कि किताब के माध्यम से बीजेपी ओडिशा में अपने आधार को मजबूत करने के लिए प्रयासरत है।

‘उत्कल केशरी’ के नाम से विख्यात ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरेकृष्ण महताब ने इस किताब को लिखने की शुरुआत जेल में की थी। हरेकृष्ण महताब भारत छोड़ों आंदोलन में हिस्सा लेने के कारण जेल में थे। जेल में रहने के दौरान जवाहरलाल नेहरु ने उन्हें एडवर्ड थॉमसन द्वारा लिखी गयी किताब ‘द बिगनिंग ऑफ इंडियन प्रिंसेस’ की कुछ लाइन को दिखाया था। जिसमें जगन्नाथ मंदिर को एक बदनाम तीर्थस्थान के रूप में बताया गया था।

उस समय महताब के पास अधिक ऐतिहासिक जानकारी नहीं थी। यहां तक कि अपने तर्कों के समर्थन में उन्हें किसी अच्छी किताब के बारे में भी नहीं पता था। इस घटना के बाद महताब ने ओडिशा के प्राचीन इतिहास को पढ़ना शुरु किया तथा 1948 में ‘ओडिशा इतिहास’ नामक पुस्तक को पूरा किया।

बीजेपी तैयार कर रही है राजनीतिक जमीन?: अभी ओडिशा विधानसभा में बीजेपी प्रमुख विपक्षी दल है। 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस पार्टी को पीछे छोड़ दिया था। ओडिशा के लोगों के बीच भगवान जगन्नाथ को लेकर सम्मान और पुराने कांग्रेस नेता की विरासत को बीजेपी अपने पक्ष में करने के प्रयास में है।

किताब के विमोचन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का स्वर्णिम युग तब था, जब पूरब भारत का नेतृत्व करता था। चाहे ओडिशा हो, बिहार हो या कोलकाता, ये देश का नेतृत्व करने वाले केंद्र बिंदु थे। अगर हम इस सामर्थ्य को लेकर आगे बढ़ते हैं तो फिर से भारत को उस ऊंचाई पर ले जा सकते हैं।ओडिशा के पास समुद्री संसाधनों से समृद्धि के अपार अवसर हैं। देश का प्रयास है कि Blue Revolution के जरिए ये संसाधन ओडिशा की प्रगति का आधार बनें और यहां के मछुआरों-किसानों का जीवन स्तर बेहतर हो। इस कार्यक्रम के बहाने प्रधानमंत्री ने ओडिशा के लोगों को साधने का प्रयास किया।