भाजपा नेता संबित पात्रा सोशल मीड‍िया पर ट्रोल हो रहे हैं। दरअसल, कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के अध्यक्ष रोहन गुप्ता ने एक वीड‍ियो शेयर क‍िया। इसमें पात्रा को बस एक वाक्‍य बोलते द‍िखाता गया है- 1971 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने राजेंद्र प्रसाद को सोमनाथ मंदिर जाने से रोका था। यह वीड‍ियो कब-कहां का है, इस बारे में गुप्‍ता ने कुछ नहीं बताया। बस यह ल‍िखा, “रोज सत्ता पक्ष के मंच से झूठ और नफ़रत फैलाने वालों पर देश कैसे भरोसा कर सकता है! जिनकी बुनियाद ही झूठ के सहारे है वह देश कैसे चला सकते हैं? यह इनकी विचारधारा का असर है या…..कुछ और?”

इस वीड‍ियो पर पात्रा ट्रोल होने लगे। आदेश रावल ने लिखा, “जहां तक मेरी जानकारी है 1964 में जवाहरलाल नेहरु का निधन हो गया था।” उमर फारूख मंसूरी @UmarFarookh9 ने लिखा, “ये झूठ इनको ले डूबेगी,ये संघी अब बेकनाब होते जा रहे है।”

भूपेंद्र मिश्रा लिखते हैं, “आप को यह भी पता होना चाहिए कि डाक्टर राजेंद्र प्रसाद जी की मृत्यु 1963 में नेहरू के जीवन काल में ही हुई थी। हो सकता है 1951 की जगह 1971 गलती से बोल दिया हो।”

शारिकी बारी @ShariqulBari ने लिखा, “व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी सन 2014 में खुला था और ये सब ज्ञानवर्धन वहीं से पात्रा ने अर्जित किया है। आप अपनी जानकारी का संशोधन कर लें अन्यथा देशद्रोही कहलाने के लिए तैयार रहें।”



सागर सोलंकी लिखते हैं,”जब इनके आका मोदी जी तीन अलग समय में जन्में विद्वानों का एकसाथ एक समय में शास्त्रार्थ करा सकते हैं तो पात्रा जी भी दो महान विभूतियों को एक के स्वर्गारोहण के पश्चात पुनर्जीवित कर सकते हैं। इनके तथ्यों पर आपत्ति कम हंसी ज़्यादा आती है।”

सुकेश कुमार लिखते हैं, “जवाहरलाल तो आज भी कुछ लोगों को रोक रहे है बहुत कुछ करने से.उनका निधन कब हुआ ये कोई मायने नही रखता.जब पाकिस्तान भी काम नही आता तो जवाहरलाल याद आता है बीजेपी के नेताओं को।”

गौरतलब हो कि देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद का निधन 28 फरवरी 1963 को और पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का निधन 27 मई 1964 को ही हो गया था।