बीजेपी ने पीपल्स अलायंस फॉर गुपकार डेक्लेरेशन (PAGD) को ऐसा ‘गैंग’ बताया है जो कि जम्मू-कश्मीर में विदेशी ताकतों का दखल चाहता है। हालांकि बीजेपी लद्दाख ऑटोनोमस हिल डिवेलपमेंट काउंसिल (LAHDCK), कारगिल में नैशनल कॉन्फ्रेंस के साथ सत्ता का आनंद ले रही है। नैशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला गुपकार डेक्लेरेशन के भी अध्यक्ष हैं। वहीं करगिल में 26 चुने गए सदस्यों में 10 नैशनल कॉन्फ्रेंस के, 8 कांग्रेस के और तीन सदस्य बीजेपी से हैं। लद्दाख यूनियन टेरटरी यहां LAHDCK के 30 सदस्यों में से 4 को नॉमिनेट करती है।
हिल काउंसिल के चेयरमैन/चीफ एग्जिक्यूटिव नैशनल कॉन्फ्रेंस के फिरोज खान हैं और चार अन्य एग्जिक्यूटिव काउंसलर में बीजेपी के मोहम्मद अली चंदन शामिल हैं। इनके पास स्वास्थ्य, रेवेन्यू, ऐग्रीकल्चर, वन, वन्यजीव, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान और मृदा संरक्षण के विभाग हैं। नैशनल कॉन्फ्रेंस और बीजेपी ने 2018 में कारगिल हिल काउंसलि का चुनाव लड़ा था।
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल करने के लिए सात स्थानीय पार्टियों ने मिलकर पिछले महीने PGDA बनाया है। उन्होंने ऐलान किया है कि 28 दिसंबर को 19 जिलों में होने वाले डिस्ट्रिक्ट डिवेलपमेंट काउंसिल का चुनाव मिलकर लड़ेंगे। बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट करते हुए कहा था, गुपकार गैंग अब वैश्विक हो रहा है। वे चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में बाहरी ताकतों का दखल हो। क्या राहुल और सोनिया जी भी गुपकार गैंग का समर्थन करते हैं? कांग्रेस और गुपकार मिलकर जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद के युग में वापस ले जाना चाहते हैं।
इससे एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि फारूक अब्दुल्ला चाहते हैं कि आर्टिकल 370 बहाल करवाने में चीन मदद करे। महबूबा मुफ्ती तिरंगा झंडा नहीं फहराना चाहती। क्या कांग्रेस फारूक और महबूबा मुफ्ती के बयानों को समर्थन करती है? कांग्रेस को बताना चाहिए कि वह गुपकार गैंग के साथ है या नहीं।
LAHDCK में नैशनल कॉन्फ्रेंस और बीजेपी के गठबंधन की बात पर बीजेपी सांसद जामयांग शेरिंग ने कहा, बीजेपी ने खुलकर गठबंधन किया था और आगे भी यह चलता रहेगा। हम अलायंस में हैं तो हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर NC का कारगिल एनसी यूनिट से कोई लेनादेना नहीं है। कारगिल एनसी भी बीजेपी में आ जाएगी और यहां और कोई पार्टी रह ही नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि लद्दाख आर्टिकल 370 के खिलाफ है।
वहीं LAHDCK के चीफ एग्जिक्यूटिव काउंसिलर फिरोज खान ने कहा कि कारगिल में भी नैशनल कॉन्फ्रेंस भी फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता वाली पार्टी का ही हिस्सा है। लद्दाख अलग केंद्र शासित प्रदेश बन गया है लेकिन ऑर्गनाइजेशन के नेता फारूक अब्दुल्ला ही हैं। दरअसल 2018 में हुए चुनाव में किसी को बहुमत नहीं मिला था। नैशनल कॉन्फ्रेंस का पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन था। 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद गठबंधन टूट गया और एनसी दो पीडीपी काउंसिलर को लाथ ले आई। इसके दो महीने बाद ही पीडीपी काउंसिलर्स ने बीजेपी जॉइन कर ली और बीजेपी एनसी के साथ हो ली।