राजस्थान के निकाय चुनाव को भाजपा गंभीरता से लेते हुए रणनीतिक तौर पर प्रचार अभियान चलाएगी। प्रदेश में सत्ताधारी दल होने के नाते भाजपा किसी भी तरह का जोखिम नहीं लेकर अपने सभी बड़े नेताओं को प्रचार अभियान में लगाएगी। प्रदेश में निकाय चुनावों का प्रचार रविवार से शुरू हो जाएगा।

राज्य के 129 शहरी निकायों के चुनाव को लेकर भाजपा ने अपनी रणनीति बना ली है। पार्टी ने सभी जिलों में प्रदेश पदाधिकारियों और प्रभारी मंत्रियों को प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी है। प्रदेश के बदले राजनीतिक माहौल को देख कर ही भाजपा ने अपनी ताकत प्रचार में लगाने का फैसला किया है। इसके लिए पार्टी ने सभी मंत्रियों को अपने अपने जिलों में मोर्चा संभालने का निर्देश दिया है।

इसके अलावा भाजपा के बडे नेता भी अपने अपने प्रभाव वाले इलाकों के निकायों में प्रचार करेंगे। भाजपा ने स्थानीय विधायकों को विशेष तौर पर अपने इलाकों में सक्रिय रहने का निर्देश दिया है। विधायकों को उनके इलाकों की पालिकाओं में बहुमत हासिल करने के लिए हर स्तर पर कार्यकर्ताओं की मदद करने को कहा है। इसके साथ ही पार्टी ने शहरी निकायों पर कब्जा करने के लिए कई जगह उम्मीदवार नहीं उतार कर निर्दलियों को समर्थन दिया है। ऐसा उसने रणनीतिक तौर पर किया है। इसके तहत बहुमत नहीं मिलने वाले निकायों में निर्दलियों की मदद से शहरी पालिकाओं पर कब्जा जमाया जा सके।

प्रदेश भाजपा के प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने भी निकाय चुनावों के सिलसिले में जिलों का दौरा शुरू कर दिया है। खन्ना ने शनिवार को कोटा और बूंदी जिलों में कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर चुनावी तैयारियों का जायजा लिया। खन्ना लगातार दो दिन तक चार जिलों का दौरा कर चुनावी समीकरण बना कर प्रचार की रणनीति बनाएंगे।

इसके अलावा प्रदेश भाजपा के सहप्रभारी वी सतीश भी जिलों का दौरा कर प्रचार अभियान को गति देंगे। प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी भी लगातार चुनावी बैठकें कर प्रचार का काम देख रहे है। परनामी का दावा है कि प्रदेश भर में भाजपा के पक्ष में माहौल बन गया है। प्रदेश की वसुंधरा सरकार के जनहित के कामों से आम जनता में भाजपा के प्रति भरोसा बढ गया है। भाजपा का जमीनी कार्यकर्ता पूरी ताकत से प्रचार में जुट गया है। संगठन के नेताओं के दौरे से कार्यकर्ताओं में उत्साह पनप गया है।

शहरी निकायों के चुनाव में ज्यादातर स्थानीय मुददे हावी होते हैं। इसके अलावा इस चुनाव में पार्टियों के बजाये प्रत्याशियों का प्रभाव भी असर डालता है। इसके कारण ही प्रदेश भाजपा ने हर निकाय के लिए अलग से मुददे भी तय किए हैं। इसमें भाजपा ने अपने स्थानीय विधायक के साथ ही जिलों के पदाधिकारियों की राय से ही प्रचार की रणनीति बनाई है। भाजपा ने कई वार्डों में उम्मीदवार खड़े नहीं कर वहां निर्दलियों का समर्थन भी इसी कारण किया है।

भाजपा के प्रदेश मंत्री अशोक लाहोटी ने बताया कि पार्टी ने रणनीति तौर पर ही कई वार्डों में उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। इन वार्डों में निर्दलियों का समर्थन किया है। ऐसा स्थानीय कार्यकर्ताओं की राय और सहमति से ही किया गया है। पार्टी को हर शहर में जनता का समर्थन हासिल हो रहा है।