चुनाव आयोग के परामर्श के बावजूद भाजपा के एक और विज्ञापन प्रकाशित किए जाने पर जाहिर तौर पर नाराज आयोग ने बुधवार को आदेश दिया कि गुरुवार को कोई भी पार्टी या उम्मीदवार एक अधिकार प्राप्त मीडिया समिति की पूर्व मंजूरी के बिना विज्ञापन का प्रकाशन नहीं कर सकेंगे। गुरुवार को बिहार के कुछ इलाकों में पांचवें और आखिरी चरण का मतदान होना है।
आयोग ने अनुच्छेद 324 के तहत मिले संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए कहा, ‘गुरुवार को मतदान के दिन इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो और किसी भड़काऊ या नफरत फैलाने वाले विज्ञापन की वजह से कोई अप्रिय घटना नहीं घटे, यह तय करने के लिए आयोग निर्देश देता है कि कोई राजनीतिक दल या उम्मीदवार या अन्य कोई संगठन या व्यक्ति अखबारों में गुरुवार को तब तक विज्ञापन प्रकाशित नहीं करेगा जब तक प्रस्तावित सामग्री को मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति (एमसीएमसी) से पूर्व सत्यापित नहीं करा लिया जाता’।
आयोग के इस कदम से पहले जद (एकी) और कांगे्रस समेत महागठबंधन ने विज्ञापन के खिलाफ शिकायत की थी जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि इसका मकसद सांप्रदायिक नफरत पैदा कर बिहार चुनावों का धु्रवीकरण करना है। आयोग ने कहा कि एमसीएमसी को गुरुवार के लिए पार्टियों और उम्मीदवारों के विज्ञापन की योजना पर तेजी से फैसले लेने चाहिए। आयोग ने कहा कि सभी अखबारों और राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को परामर्श के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
भाजपा के बुधवार को प्रकाशित इश्तहार में नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा गया है, ‘मुख्यमंत्री जी आपके साथी हर भारतीय की पूज्य गाय का अपमान बार-बार करते रहे और आप चुप रहे’। किशनगंज, सहरसा और अन्य क्षेत्रों में स्थानीय अखबारों में यह विज्ञापन प्रकाशित हुआ है जहां गुरुवार को विधानसभा चुनाव के पांचवें और अंतिम चरण के लिए मतदान होगा।
भाजपा के विज्ञापन में मुख्यमंत्री से कहा गया है कि वे वोट बैंक की राजनीति बंद करें और अगर गोमांस पर अपने साथियों के बयानों से सहमत हैं तो जवाब दें। चुनाव आयोग ने 31 अक्तूबर को बिहार के राजनीतिक दलों से ऐसे विज्ञापन प्रकाशित नहीं करने को कहा था जिनसे विभिन्न सामाजिक और धार्मिक समुदायों में आपसी नफरत फैलने की आशंका हो। जद (एकी) नेता केसी त्यागी ने चुनाव आयोग के ताजा परामर्श का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि इस बार भाजपा आदेश की भावना की अवज्ञा नहीं करेगी।
उन्होंने कहा, ‘हम यह भी उम्मीद करते हैं कि दोषियों पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन लिए और अन्य संबंधित दंडनीय प्रावधानों के तहत मामले दर्ज किए जाएंगे’।
कांग्रेस प्रवक्ता आरपीएन सिंह ने चुनाव आयोग के कदम का स्वागत करते हुए विज्ञापन के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। लेकिन भाजपा ने अपने विज्ञापन पर महागठबंधन के नेताओं की ओर से की गई आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि बुधवार को जो छपा है वह सच्चाई है। पार्टी ने गोमांस विवाद पर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के बयानों का उल्लेख किया।
पार्टी सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा, ‘हमने लालू प्रसाद की टिप्पणियों की पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कुछ सवाल पूछे हैं। हमने कोई उल्लंघन नहीं किया। अगर कुछ हुआ है तो वह महागठबंधन के नेताओं ने किया जिन्होंने बिहार चुनाव में विभाजन करने वाले मुद्दों को उठाया’।

