मानहानि केस में राहुल गांधी की अर्जी सूरत की सत्र अदालत ने गुरुवार (20 अप्रैल) को खारिज कर दी है और 2 साल की सजा के फैसले को सही ठहराया है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक प्रेस कर कोर्ट के इस फैसले को ओबीसी वर्ग और भारत के आम नागरिकों की जीत बताते हुए कहा कि इससे गांधी परिवार का घमंड टूट गया है।

वहीं कांग्रेस नेता और मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, ‘हम कानून के तहत अभी भी हमारे लिए उपलब्ध सभी विकल्पों की तलाश जारी रखेंगे और इस मामले को लेकर अभिषेक मनु सिंघवी शाम 4 बजे प्रेस कान्फ्रेंस करेंगे’

देश में संविधान का राज है..

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए कहा ‘आज के इस फैसले से एक बात स्पष्ट होती है कि इस देश में संविधान का राज है, परिवार का राज नहीं है और किसी भी परिवार के लिए अलग ट्रीर्टमेंट नहीं हो सकता है।

संबित पात्रा ने आगे कहा ”कांग्रेस’ और ‘तुष्टिकरण’ पर्यायवाची हैं, और कर्नाटक के लोग और पूरा देश इस बात को अच्छी तरह जानता है। उन्होने कहा कि जिस पिछड़े वर्ग के लिए राहुल गांधी ने आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया था और उन्हें गाली देने का काम किया था… और ये सब करके गांधी परिवार को लगता था कि वो बचकर निकल जाएंगे, वह नहीं हो पाया है। कोर्ट का फैसला गांधी परिवार के मुंह पर तमाचा है। आज सूरत की कोर्ट से सिद्ध होता है कि कानून सबके लिए बराबर है।

हाईकोर्ट का रुख करेंगे राहुल गांधी

 राहुल गांधी अब कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सकते हैं। सेशन कोर्ट जज आर.पी मोगेरा ने गुरुवार (15 अप्रैल) को याचिका पर फैसला सुनाते हुए केवल एक शब्द कहा- ‘डिसमिस यानी खारिज’

इस मामले को लेकर 3 अप्रैल की राहुल गांधी की ओर से सेशंस कोर्ट में अपील दाखिल की गई थी और 13 अप्रैल को सेशंस कोर्ट में सुनवाई हुई थी, जहां कोर्ट के फैसले को 20 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रख लिया गया था।