केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर निशाना साधते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को उनसे सबरीमाला मुद्दे से छेड़छाड़ नहीं करने की चेतावनी दी। शाह ने उन्हें चेताया कि अगर केरल सरकार विश्वास के मुद्दे से छेड़छाड़ करेगी तो भाजपा उसे सत्ता से बेदखल करने में कोई कमी नहीं छोड़ेगी। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश देने की इजाजत देने के फैसले की आलोचना करते हुए शाह ने कहा कि अदालत को लोगों के धार्मिक विश्वास के खिलाफ और जमीन पर लागू नहीं हो सकने वाले फैसले नहीं देने चाहिए।

कन्नूर में एक जनसभा में शाह ने कहा, “भाजपा अयप्पा श्रद्धालुओं के विरोध को आगे ले जाएगी। अगर केरल सरकार सबरीमाला मंदिर की परंपरा को कुचल डालने का प्रयास करती है तो हम सरकार को उखाड़ फेंकने में जरा भी गुरेज नहीं करेंगे।” कन्नूर में नए भाजपा जिला कार्यालय के उद्धघाटन के बाद उन्होंने शीर्ष अदालत के फैसले के बाद हालात को संभालने में विफल रहने के लिए विजयन सरकार पर हमला बोला और कहा कि भाजपा सबरीमाला परंपरा को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाएगी। शाह ने कहा, “अयप्पा श्रद्धालुओं के साथ जो दमन का कुचक्र चलाया जा रहा है, उसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

अदालत के फैसले को लागू कराने के नाम पर हिंदुत्व कार्यकर्ताओं के साथ कथित अत्याचार के लिए सत्तारूढ़ एलडीएफ सरकार पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि जल्लीकट्टू, मस्जिदों में लाउडस्पीकरों के प्रयोग को प्रतिबंधित करना और महाराष्ट्र में दही हांडी समारोहों पर रोक लगाने जैसे फैसले जमीन पर लागू नहीं किए जा सकते। सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश को प्रतिबंधित करने की परंपरा का बचाव करते हुए शाह ने कहा कि हिंदुओं ने अपनी परंपराओं में सुधार किया है, जैसे विधवा की दोबारा शादी और बाल विवाह पर लगाम लगाना आदि।

उन्होंने कहा कि हिंदुओं ने महिलाओं को कभी कम नहीं आंका और उनका माता व देवी के रूप में सम्मान किया है। बाढ़ से प्रभावित लोगों के राहत व पुनर्वास के लिए पर्याप्त काम नहीं करने को लेकर विजयन की आलोचना करते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के लिए आईआईटी की स्थापना और सुपर स्पेशयालिटी अस्पताल समेत कई परियोजनाओं को मंजूरी दी लेकिन राज्य सरकार इन परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण करने में विफल रही।

विजयन की विफलता पर उनके इस्तीफे की मांग करते हुए शाह ने कहा कि सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश का विरोध करने वालों पर अत्याचार करने के बजाए मुख्यमंत्री को राज्य के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।