साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने तेलंगाना का दौरा शुरू कर दिया है। हैदराबाद में रैली करने के बाद भाजपा अध्यक्ष ने महबूबनगर में रैली को भी संबोधित किया। शाह ने अपनी रैली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री केसीआर तक और एनआरसी से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री स्व. नरसिंह राव के अपमान तक पर जोरदार निशाना साधा। उन्होंने केसीआर पर अपनी जीत के प्रति आश्वस्त न होने की बात भी अपनी रैली में कहीं।
अपनी रैली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने टीआरएस और कांग्रेस पर जमकर हमला किया। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्होंने कहा, ”पहले एकसाथ लोकसभा और विधानसभा चुनावों का समर्थन करने वाली टीआरएस ने अचानक ही विधानसभा भंग क्यों करवा दी? चुनाव मई 2019 में होने वाले थे। मोदी जी ने कहते हैं कि अगर चुनाव एक साथ करवाए जाएं तो इससे देश का पैसा बचाया जा सकेगा। मैंने केसीआर से पूछा कि आप तय वक्त से पहले चुनाव क्यों करवाना चाहते हैं? क्या आप मई में अपनी जीत के लिए आश्वस्त नहीं हैं? अगर नहीं तो आप नवंबर-दिसंबर में चुनाव करवाकर भी सरकार नहीं बना पाएंगे।”
Rahul baba dreams that Congress govt will be formed here in Telangana. The people of Telangana have not forgotten how PV Narasimha Rao was insulted. It is only now you remember of forming a govt here: Amit Shah in Mahbubnagar, Telangana pic.twitter.com/1eQBMgN2RV
— ANI (@ANI) September 15, 2018
अमित शाह ने राहुल गांधी पर तंंज कसते हुए कहा,” राहुल बाबा सपना देख रहे हैं कि वह तेलंगाना में सरकार बनाएंगे। तेलंगाना की जनता अभी पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव का अपमान नहीं भूली है। ये बात सिर्फ उनके मन में ही है कि वह यहां सरकार बनाने वाले हैं।
रैली में अमित शाह ने कहा कि भाजपा ऐसा तेलंगाना बनाएगी जिसमें न तो अनुसूचित जाति के लोग पिछड़े होंगे और न ही अनुसूचित जनजाति के लोग। किसानों को गोली भी नहीं मारी जाएगी। शाह ने कहा कि मुस्लिमों के लिए 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग सिर्फ वोट बैंक के लिए हो रही है। आरक्षण का आधार धर्म नहीं है। अगर फिर से उनकी सरकार आएगी तो देश में वोट बैंक की राजनीति को बढ़ावा मिलेगा। तेलंगाना में विकास की नहीं, तुष्टिकरण की राजनीति होने लगेगी।
शाह ने एनआरसी पर भी कांग्रेस को घेरने में कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा,” हमने असम से घुसपैठियों को बाहर निकालने की कोशिश की। एनआरसी के लिए उठाए गए हमारे कदम का विरोध देश की सभी बड़ी राजनीतिक पार्टियों ने किया है। हम ये सुनिश्चित करेंगे कि देश में कोई भी घुसपैठिया न रहने पाए।”