बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह का आज 55वां जन्मदिन हैं। राजनीति के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले शाह 2014 से लेकर अब तक बीजेपी को कई उपलब्धियां दिलवा चुके हैं। 2014 में बीजेपी को बहुमत तो वहीं 2019 में 300 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करना उनकी रणनीति के बिना संभव नहीं था। हालांकि ‘मोदी लहर’ को नहीं भूला जा जा सकता।

शाह हमेशा से जमीनी कार्यकर्ताओं का योगदान पार्टी की सफलता के लिए अहम मानते हैं। उनका मानना है कि जमीनी बदलाव कार्यकर्ता की सतर्कता से आता है। कार्यकर्ताओं की सतर्कता से ही टॉप नेताओं को आत्मविश्वास मिलता है। विस्तारकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के जरिए ही बीजेपी लोगों के घर-घर तक पहुंची। अलग-अलग राज्यों में पंडित दीन दयाल उपाध्याय विस्तारक योजना के जरिए बीजेपी अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं, विधायकों, सासंदों और जनता से सीधे संपर्क साधा।

शाह के राजनीतिक जीवन से जुड़े कई अहम घटनाक्रमों का ‘अमित शाह एंड द मार्च ऑफ बीजेपी’ किताब में विस्तार से उल्लेख किया गया है। ब्लूम्सबरी प्रकाशन के तहत शिवानंद द्विवेदी और अनिर्बन गांगुली ने इस किताब को लिखा है। 2019 लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने सबसे पहले पश्चिम बंगाल से इस योनजा को लॉन्च किया। नक्सलबाड़ी के बूथ नंबर 93 से इस योजना को शुरू किया गया। यह क्षेत्र बड़े स्तर पर नक्सल प्रभावित है।

नक्सलबाड़ी से इस योजना को शुरु करने के पीछे की रणनीति पर पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने वजह भी बताई है। उन्होंने कहा है कि शाह ने उनसे पूछा था कि पार्टी जहां सबसे ज्यादा कमजोर है वहीं से इस योजना की शुरुआती होगी। बीजेपी अध्यक्ष ने जैसा कहा वैसा ही हुआ। राज्य में 300 से ज्यादा विस्तारकों को नियुक्त कर पार्टी ने लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में बेहतरीन प्रदर्शन किया।

बहरहाल शाह हमेशा से ही अपने फैसलों से सभी को चौंकाते रहे हैं। इस योजना के तहत उन्होंने कश्मीर घाटी में 30 मुस्लिमों को विस्तारक बनाकर सभी को हैरान कर दिया था। यह इसलिए हैरान करने वाला था क्योंकि कहा जाता रहा है कि कश्मीरी मुस्लिमों के बीच बीजेपी कभी स्वीकार्य नहीं होगी।

शाह ने बताया था कि जिन्हें विस्तारक बनाया गया इनमें अधिकांश मुस्लिम युवा इंजीनियर या डबल ग्रेजुएट थे। पार्टी ने इन्हें ट्रेनिंग भी दी। अन्य राज्यों के विस्तारकों की तरह ही इन्होंने भी पार्टी के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में जमकर पसीना बहाया।

बता दें कि विस्तारक पूर्ण कालिक कार्यकर्ता होते हैं जो कि पार्टी के काम के लिए पूरा समय देते हैं। विस्तारक समन्वयक की भूमिका के तहत काम करते हैं। पार्टी की नीतियों को हर जिले में लागू कराना विस्तारकों का काम है। उनका बूथ स्तर तक के कार्यकर्ता से संपर्क रहता है। एक विस्तारक के पास दो विधानसभाओं में संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी रहती है। उनका सीधा संपर्क प्रदेश और क्षेत्रीय संगठन मंत्रियों से होता हैं।