देश में इक्नॉमिक स्लोडाउन (धीमी मंदी की मार) के बीच पस्त पड़ी अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए नॉर्थ ईस्ट के मणिपुर से रणजी ट्रॉफी खेलने वाले एक क्रिकेटर ने खास फॉमूला सुझाया है। नाम- शेली शौर्य (25) है, जो कि इसके अलावा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के गुजरात लायंस टीम से भी खेल चुके हैं। हाल ही में इकनॉमी को लेकर उनके दिए सुझाव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार भी मुरीद हो गई है। यही वजह है कि उन्हें COP-14 में भारतीय प्रतिनिधि बना दिया गया।

दरअसल, शौर्य ने आदिवासियों की माली हालत दुरुस्त करने के लिए अनोखा मंत्र दिया था, जो कि कहा जा रहा है कि मोदी सरकार को वह पसंद भी आया है और वह उस पर अमल भी कर रही है। शेली ने बैंबूनॉमिक्स (Bamboonomics) को लेकर हाल ही में थ्योरी दी थी, जिससे बांस को बेचकर रोजगार का बढ़िया विकल्प तैयार किया जा सकता है। साथ ही बढ़ता प्रदूषण भी काबू किया जा सकता है।

शुक्रवार (13 सितंबर, 2019) को COP-14 (कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज) में पर्यावरण अनुकूल बैंबूनॉमिक्स की स्कीम पेश होनी है, जिसमें शेली भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। बता दें कि केंद्र बांस आधारित अर्थव्यवस्था लागू कर आदिवासियों की जिंदगी में बदलाव लाना चाहता है, लिहाजा 2017 में बांस को पेड़ की श्रेणी से हटाकर घास घोषित किया गया था, जबकि COP-14 का आयोजन विश्व को बढ़ते मरुस्थलीकरण से बचाने के मकसद के अंतर्गत किया गया है। कुल 196 देशों के प्रतिनिधि इसमें हिस्सा ले रहे हैं।

शेली, डीयू के सेंट स्टीफन्स कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएट हैं। उन्होंने बैंबूनॉमिक्स रिचर्स की है। कहा जा रहा है उससे सबसे अधिक लाभ नॉर्थ ईस्ट के राज्यों को मिलेगा। ऐसे में वहां के स्थानीयों के लिए बांस आधारित अर्थव्यवस्था प्रगति की नई उम्मीद बनकर सामने आई है।