महाराष्ट्र में सत्ता से बाहर होने के बाद भाजपा अपनी पुणे यूनिट को एकजुट रखने की कोशिशों में जुटी है। इस कोशिश के तहत भाजपा पुणे नगर पालिका (पीएमसी) में बाहर से आए नेताओं को अहम पद देने की योजना बना रही है। 2017 में हुए सिविक चुनावों के बाद से ये अहम पद पार्टी के करीबी नेताओं के पास हैं। गुरुवार को भाजपा ने पुणे नगरपालिका में अपने वरिष्ठ कॉरपोरेटर्स को अहम पदों से इस्तीफा देकर पार्टी के अन्य कॉरपोरेटर्स के लिए नियुक्ति का रास्ता बनाने के निर्देश दिए हैं।
पार्टी ने श्रीनाथ भिमाले को सदन के नेता के पद से इस्तीफा देने को कहा है। इसी तरह सुनील कांबले और सिद्धार्थ शिरोले को भी क्रमशः स्टैंडिंग कमेटी के चेयरपर्सन और निदेशक पद छोड़ने को कहा गया है। भाजपा के एक नेता ने बताया कि मौजूदा नेताओं के इस्तीफे के बाद नए नेताओं की नियुक्ति की जाएगी। भाजपा नई नियुक्तियां 2022 के सिविक चुनावों को ध्यान में रखकर करेगी।
राज्य में इस वक्त शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी की सरकार सत्ता में हैं। ऐसे में भाजपा पुणे नगरपालिका में उन नेताओं को अहम पदों पर नियुक्ति दे सकती है, जो शिवसेना-कांग्रेस या एनसीपी छोड़कर पार्टी में शामिल हुए हैं। पार्टी नेताओं के अनुसार, ‘स्थानीय स्तर पर पार्टी को मजबूत रखने के लिए यह जरुरी है कि कोई भी नेता निराश ना महसूस करे और कुछ समय के लिए सत्ता का आनंद ले।’
बता दें कि भाजपा पुणे नगरपालिका में पहली बार 2017 में सत्ता में आयी थी। इस दौरान भाजपा ने कई विरोधी पार्टियों के नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल किया था। भाजपा को इसका फायदा भी मिला और पार्टी ने 164 सीटों में से 99 पर जीत दर्ज की। हालांकि नगरपालिका में अहम पदों पर भाजपा ने अपने नेताओं को ही तरजीह दी। अब पार्टी इसमें बदलाव कर बाहर से आए नेताओं को सत्ता सुख देने पर विचार कर रही है, ताकि पार्टी में टूट ना हो।
भाजपा उन नेताओं को भी अहम पदों पर बिठा सकती है, जो चुनावों से पहले टिकट पाने की मंशा के साथ भाजपा में शामिल हुए थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। ऐसे में पीएमसी में ऐसे नेताओं को भी जगह मिल सकती है।
