BJP President Election Process 2025: चुनाव लड़ने के मामले में काफी चुस्ती और फुर्ती के साथ काम करने वाली बीजेपी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन के मामले में सुस्त दिखाई दे रही है। यह माना जा रहा था कि बीजेपी फरवरी या मार्च तक अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर देगी लेकिन अब इसमें देर होती दिख रही है।
पार्टी के एक नेता ने The Indian Express को बताया कि अध्यक्ष पद के चुनाव में कम से कम एक महीने का वक्त और लगेगा।
बीजेपी के संविधान के मुताबिक, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए यह जरूरी है कि कम से कम आधे राज्यों में (या फिर 18 राज्यों में) प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव हो जाए और इससे पहले पार्टी के बूथ, मंडल और जिला कमेटियों के चुनाव भी हो जाने चाहिए। सूत्रों ने The Indian Express को बताया कि ऐसी उम्मीद थी कि 15 जनवरी तक प्रदेश अध्यक्षों के चयन का काम पूरा हो जाएगा लेकिन यह अब तक नहीं हो सका है।
बीजेपी-जेडीयू को बिहार में कैबिनेट विस्तार की जरूरत क्यों पड़ी, इससे RJD की अगुवाई वाले
सर्वसम्मति से होता है अध्यक्ष का चुनाव
बीजेपी के अंदर यह परंपरा है कि सभी स्तर पर यानी बूथ, मंडल और जिला स्तर के साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए भी सर्वसम्मति बनाई जानी चाहिए। बीजेपी के एक नेता ने यह भी बताया कि जिस रफ्तार से संगठन के चुनाव हो रहे हैं, उसे देखते हुए नए अध्यक्ष के चुनाव में कम से कम एक महीने का वक्त लग सकता है।
मौजूदा वक्त में जेपी नड्डा पार्टी अध्यक्ष की भूमिका में हैं। जेपी नड्डा 2019 में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बने और जनवरी, 2020 में वह सर्वसम्मति से ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए थे।
बीजेपी-जेडीयू को बिहार में कैबिनेट विस्तार की जरूरत क्यों पड़ी, इससे RJD की अगुवाई वाले महागठबंधन को कितनी चुनौती मिलेगी?
दिल्ली चुनाव को बताया वजह
The Indian Express ने कुछ राज्यों में बीजेपी के नेताओं से बात की और उन्होंने बातचीत में अध्यक्ष के चुनाव में हो रही देरी के लिए काफी हद तक दिल्ली के विधानसभा चुनावों को जिम्मेदार ठहराया। मध्य प्रदेश के एक बीजेपी नेता ने कहा कि पार्टी ने अपनी सारी ताकत दिल्ली में लगा दी और इस वजह से संगठन के चुनाव में देरी हुई।
कुछ नेताओं ने कहा कि दिल्ली में बीजेपी की जीत के बाद भी चीजें तेज नहीं हुई हैं। इस तरह की भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष पर आम सहमति नहीं बन पाई है।
झारखंड में बीजेपी के एक नेता ने बताया कि पूरे राज्य में बूथ स्तर के चुनाव हो चुके हैं लेकिन मंडल के चुनाव अभी भी शुरू नहीं हुए हैं। ओडिशा के एक नेता ने कहा कि उनके राज्य में लगभग सभी जिला कमेटियों के चुनाव हो चुके हैं लेकिन 29 जनवरी के बाद से केंद्रीय नेतृत्व की ओर से आगे के चुनाव को लेकर कोई निर्देश नहीं आया।
‘मैं माफी चाहता हूं…’ तमिलनाडु में बोले अमित शाह; सीएम स्टालिन को दिया बड़ा चैलेंज
प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर देरी
उत्तर प्रदेश के एक नेता ने बताया कि राज्य में जिला स्तर पर संगठन के चुनाव चल रहे हैं। पार्टी नेता का कहना था कि मंडल अध्यक्ष और जिला अध्यक्षों के चुनाव को लेकर विधानसभा और लोकसभा चुनाव जैसा माहौल देखने को मिल रहा है। इसी तरह बीजेपी शासित मध्य प्रदेश में जहां बूथ, मंडल और जिला कमेटियों के चुनाव हो चुके हैं, नए प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर कोई काम नहीं हो पा रहा है।
बगावत पर उतरे कई नेता
आम सहमति से ही अध्यक्षों के चुनाव कराए जाने के बावजूद राजस्थान, कर्नाटक और हरियाणा जैसे कई राज्यों में अभी तक बात नहीं बन सकी है। कुछ राज्यों में पार्टी नेता बगावत पर उतरे हुए हैं।
कर्नाटक में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र के खिलाफ विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। हरियाणा में कैबिनेट मंत्री अनिल विज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली और सीएम नायब सिंह सैनी की आलोचना कर रहे हैं। राजस्थान में पार्टी के बड़े नेता और कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा पार्टी से नाराज हैं।