हाल ही में हुए उपचुनाव में बीजेपी के खराब प्रदर्शन को लेकर अब भाजपा हाईकमान चिंतित दिख रहा है। यही कारण ही पार्टी का थिंकटैंक अब इसपर मंथन करने के लिए बैठक करने वाला है। इस बैठक में पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा समेत सारे दिग्गज मौजूद रहेंगे।

यही मीटिंग रविवार को होगी। इस मीटिंग के एजेंडे में आने वाले विधानसभा चुनाव, मौजूदा मुद्दों पर चर्चा और संकल्प, राष्ट्रपति के अभिभाषण, शोक प्रस्ताव सबसे ऊपर है। भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया- “हम राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अगले साल विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों पर चर्चा करेंगे। पार्टी कल (शनिवार) संकल्प के विवरण को अंतिम रूप देगी”।

भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा अपने संबोधन से बैठक की शुरुआत करेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संबोधन के साथ बैठक का समापन करेंगे। सूत्रों ने कहा कि 100 करोड़ के टीकाकरण, तेल करों में कमी और उनकी हालिया “सफल विदेश यात्राओं” के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा वाले प्रस्ताव हो सकते हैं।

बीजेपी के राज्यसभा सांसद और पार्टी के मीडिया सेल के राष्ट्रीय प्रमुख अनिल बलूनी के मुताबिक एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक होने वाली रविवार की बैठक अनोखी होगी। उन्होंने कहा- “कोविड की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, पार्टी की बैठक टैक्नोलॉजी सपोर्टेड, एक हाइब्रिड बैठक होगी। राष्ट्रीय राजधानी में हमारे पास एक मंच होगा और सभी राज्यों की राजधानियों में एक-एक स्थान होगा, जहां से राज्य के नेता जो राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद में हैं, बैठक में भाग लेंगे। टेक्नोलॉजी के सपोर्ट से हर कोई बैठक का हिस्सा बन सकता है।”

राष्ट्रीय पदाधिकारी और केंद्रीय मंत्री दिल्ली में बैठक में शामिल होंगे, जबकि राज्य के नेता अपने-अपने शहरों से बैठक में शामिल होंगे। भाजपा ने पिछले महीने 80 नियमित सदस्यों, 50 विशेष आमंत्रितों और 179 स्थायी आमंत्रितों के साथ अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी का पुनर्गठन किया है।

पार्टी को उपचुनावों में भाजपा शासित हिमाचल प्रदेश में शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, जहां वह एक लोकसभा और तीन विधानसभाओं में हार गई। वहीं कर्नाटक के नव नियुक्त मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई हनागल विधानसभा क्षेत्र भी नहीं जीत सके जो उनके गृह जिले में पड़ता है। इसके साथ ही राजस्थान में पार्टी उम्मीदवारों की अपमानजनक हार का भी सामना करना पड़ा है। सूत्रों की मानें तो पार्टी नेतृत्व के दिमाग में ये हार होगी क्योंकि वे अगले साल होने वाले राज्य के चुनावों की रणनीतियों पर चर्चा करेंगे।

जबकि बीजेपी ने असम और मध्य प्रदेश में हुए उपचुनावों में शानदार जीत दर्ज की है। सूत्रों ने कहा कि कोविड में आर्थिक स्थिति, महामारी के मौसम में सरकार की पहल, किसान आंदोलन और भाजपा की चुनावी संभावनाओं पर इसका प्रभाव चर्चा के मुख्य बिंदु हो सकते हैं। भाजपा के एक नेता ने कहा- “राष्ट्रीय पदाधिकारियों की हालिया बैठक में हमने जिन बिंदुओं और कार्यक्रमों पर चर्चा की है, उन्हें पार्टी के कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में अपनाया जाएगा।”