केंद्र सरकार ने आईएएस कैडर नियम 1954 में संशोधन करने का प्रस्ताव दिया है। जिसकों लेकर केंद्र और राज्यों के बीच मदभेद की स्थिति बनी है। दरअसल केंद्र ने राज्यों से आईएएस अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए आईएएस अफसरों की सूची भेजने के निर्देश दिए हैं। इस प्रस्ताव पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आपत्ति जताई है।
माना जा रहा है कि केंद्र सरकार यह संशोधन 31 जनवरी से शुरू होने वाले संसद के आगामी सत्र में पेश कर सकती है। इसको लेकर केंद्र ने 25 जनवरी से पहले राज्यों से उनका जवाब मांगा है।
क्या है कैडर नियम: आईएएस (कैडर) नियम, 1954 के मुताबिक इसके अंतर्गत आने वाले अधिकारियों की भर्ती केंद्र द्वारा होती है लेकिन राज्य कैडर आवंटित किए जाने के बाद वे राज्य सरकार के अधीन आ जाते हैं। आईएएस कैडर नियमों के मुताबिक एक आईएएस अधिकारी को संबंधित राज्य सरकार और केंद्र सरकार की सहमति के बाद ही केंद्र सरकार या किसी अन्य राज्य सरकार के अधीन सेवा के लिए प्रतिनियुक्त किया जा सकता है।
क्या है संशोधन: कार्मिक मंत्रालय ने प्रस्ताव में कहा है कि केंद्र की जरूरतों के हिसाब से प्रतिनियुक्ति के लिए अधिकारियों की संख्या पर्याप्त नहीं है। ऐसे में नियमों में बदलाव के लिए केंद्र ने प्रस्ताव दिया है। जिसके मुताबिक सभी राज्य सरकार मौजूदा नियमों के तहत तय किये गये केंद्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व की सीमा तक अलग-अलग स्तरों के पात्र अधिकारियों की उपलब्धता केंद्र सरकार को देंगे।
नये प्रस्ताव में केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति में भेजे जाने वाले अधिकारियों की वास्तविक संख्या केंद्र सरकार संबंधित राज्य सरकार के साथ परामर्श करने के बाद तय करेगी। इसमें मुताबिक अगर इस विमर्श में किसी तरह की असहमति बनती है तो इसका फैसला केंद्र सरकार करेगी। जिसके बाद राज्य सरकारें एक तय समय में केंद्र सरकार द्वारा लिए गये निर्णय को लागू करेंगी।
अभी जो नियम हैं उसमें राज्य सरकारों की असहमतियों की स्थिति में फैसला लेने की कोई समयसीमा निर्धारित नहीं है। नियमों में बदलाव का प्रस्ताव 20 दिसंबर, 2021 को सभी राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों को भेजा गया था। जिसपर उन्हें 25 जनवरी, 2022 तक जवाब देना है। इसके लिए केंद्र ने राज्यों को रिमाइंडर भेजा है।
बता दें कि इसके जवाब में कई राज्यों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। पश्चिम बंगाल भी इसमें शामिल है। बता दें कि ममता सरकार ने इस प्रस्ताव पर अपनी असहमति जताई है।
ममता बनर्जी की आपत्ति: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आपत्ति जताई है। ममता ने केंद्र से आग्रह किया है कि केंद्र इस फैसले को वापस ले ले। ममता सरकार ने कहा कि नियमों बदलाव होने से राज्यों में प्रशासन व्यवस्था प्रभावित होगी।