Delhi News: लोकसभा सांसद योगेद्र चंदोलिया की मुश्किलें बढ़ गई है क्योंकि दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 2020 के मामले में उनके खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है। बीजेपी सांसद पर एक सरकारी अधिकारी ने 2020 में हमला करने का आरोप लगाया था। इस मामले के शिकायतकर्ता हेड कॉन्स्टेबल राज कुमार हैं, जिन्होंने आरोप लगाया कि सांसद ने उन्हें क्रेन से नीचे खींचकर अपनी ड्यूटी करने से रोका था।
हेड कॉन्सटेबल राजकुमार ने आरोप लगाय था कि योगेंद्र चंदोलिया के सहयोगी ने उनका फोन छीन लिया था। शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि सांसद ने उनके प्रति अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया था। राउज एवेन्यू कोर्ट में इस मामले की सुनवाई अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने की और 3 मई को बीजेपी सांसद के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दे दिया।
कोर्ट ने बीजेपी सांसद को लेकर क्या कहा?
राउज एवेन्यू कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “आरोपी ने पहले शिकायतकर्ता का मोबाइल फोन छीनने की कोशिश की थी और बाद में मोबाइल किसी तीसरे व्यक्ति द्वारा छीन लिया गया और उसे आरोपी ने अपने ही पास रख लिया। यह दर्शाता है कि आरोपी और झपटमार के बीच समान इरादा था, जो घटनास्थल पर विकसित हुआ होगा। ये तथ्य प्रथम दृष्टया धारा 356/34 आईपीसी के तहत दंडनीय अपराध को दर्शाते हैं।”
रेखा सरकार के 70 दिन पूरे, दिल्ली में वरिष्ठ नागरिकों को मिला बड़ा तोहफा
किस मामले में दर्ज होगा केस?
कोर्ट ने कहा कि चर्चा के मद्देनजर, आरोपी योगेंद्र चंदोलिया को भारतीय दंड संहिता की धारा 186 (सरकारी कार्यों के निर्वहन में लोक सेवक को बाधा पहुंचाना) के तहत आरोप मुक्त किया जाता है और आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया धारा 341/353/356/34 (गलत तरीके से रोकना, लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना और किसी व्यक्ति की संपत्ति की चोरी करने के प्रयास में हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना) के तहत दंडनीय अपराधों का मामला बनता है।”
राउज एवेन्यू कोर्ट ने जिस वक्त ये आदेश दिया, उस वक्त कोर्ट की कार्यवाही के दौरान सांसद योगेंद्र चंदोलिया भी कोर्ट में ही थे। उनकी तरफ से यह मामला वकील हरिओम गुप्ता के अलावा सुकृत और अनन्या भी मौजूद थे। कोर्ट ने सबूतों को लेकर अगली तारीख 22 मई तय की है।