भाजपा सांसद उदित राज भी जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी में महिषासुर शहादत दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि वे अक्टूुबर 2013 में इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। गौरतलब है कि मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने संसद में कहा था कि जेएनयू में वामपंथी छात्र महिषासुर शहीदी मनाते हैं। यह कैसी अभिव्यक्ति की आजादी है। क्या कोलकाता में कोई इस बारे में बहस कर सकता है। उन्होंने राज्य सभा में भी इस बात का जिक्र किया जिस पर काफी हंगामा हुआ।
उदित राज ने टेलीग्राफ अखबार को बताया, ‘मैं महिषासुर शहादत दिवस कार्यक्रम में शामिल हुआ क्योंकि में जाति भेदभाव को बुरा मानता हूं। मैं अंबेडकर के विचारों को रखने के लिए गया था।’ बाद में उन्होंने एक टीवी चैनल से कहा, ‘अंबेडकर ने महिषासुर को हीरो माना था। मैं अंबेडकर का अनुयायी हूुं। मैं उस समय भाजपा में नहीं था। महिषासुर दलितों के पूर्वज है और मैं उन्हें शहीद मानता हूं।’ बता दें कि उदित राज 2014 लोकसभा चुनावों से पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे। वे दिल्ली से सांसद हैं।
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उदित राज ने हालांकि कहा कि देवी दुर्गा के लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया गया वे उनसे ताल्लुक नहीं रखते। जेएनयू परिसर में महिषासुर शहादत दिवस 2011 के बाद से हर साल अक्टूबर में मनाया जाता था। कई पिछड़ी जातियां महिषासुर की पूजा करती हैं। उनका मानना है कि महिषासुर ने ब्राह्मणों को चुनौती दी इससे घबराकर देवताओं ने उसकी हत्या करा दी।
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