मोदी कैबिनेट में आने के लिए बीजेपी सांसदों और बड़े नेताओं की राजनीतिक ख्वाहिश होती है। लेकिन इस बीच एक केंद्रीय मंत्री कैबिनेट से हटना चाहते हैं। केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने रविवार को अपने मंत्री पद से इस्तीफा देने की इच्छा जताई और केंद्रीय मंत्रिमंडल में उनकी जगह भाजपा के नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य सी सदानंदन मास्टर को शामिल करने की सिफारिश की।

सुरेश गोपी ने सदानंदन मास्टर को मंत्री बनाने की मांग की

एक कार्यक्रम में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सुरेश गोपी ने कहा कि वरिष्ठ नेता सदानंदन मास्टर का राज्यसभा के लिए मनोनयन उत्तरी कन्नूर जिले की राजनीति में एक महत्वपूर्ण सफलता है। मंच पर सदानंदन मास्टर भी मौजूद थे। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी पहली बार केरल में लोकसभा सीट जीती है और सुरेश गोपी उसके बाद केंद्रीय मंत्री बनाए गए। सुरेश गोपी ने त्रिसूर लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी।

सुरेश गोपी ने कहा, “मैं यहां पूरी ईमानदारी से कह रहा हूं कि मुझे हटाकर सदानंदन मास्टर को (केंद्रीय) मंत्री बनाया जाना चाहिए। मेरा मानना है कि यह केरल के राजनीतिक इतिहास में एक नया अध्याय बनेगा।” केंद्रीय पेट्रोलियम एवं पर्यटन राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने कहा कि वह प्रार्थना करते हैं कि सदानंदन के सांसद कार्यालय को शीघ्र ही मंत्री कार्यालय में तब्दील कर दिया जाएगा।

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मेरी आय में कमी आई- सुरेश गोपी

अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी ने कहा कि वह राज्य में सबसे युवा भाजपा सदस्यों में से एक हैं और अक्टूबर 2016 में ही पार्टी में शामिल हुए थे।उन्होंने कहा कि पार्टी ने लोकसभा चुनावों में जनता द्वारा दिए गए जनादेश को ध्यान में रखते हुए उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया होगा। सुरेश गोपी ने कहा, “मैं अपना फ़िल्मी करियर छोड़कर कभी मंत्री नहीं बनना चाहता था। हाल के दिनों में मेरी आय में काफ़ी कमी आई है।”

राजनीतिक हिंसा के शिकार रहें हैं सदानंदन मास्टर

कन्नूर ज़िले से बीजेपी के वरिष्ठ नेता सदानंदन मास्टर राजनीतिक हिंसा के शिकार हैं। 1994 में माकपा कार्यकर्ताओं के कथित हमले में उन्होंने अपने दोनों पैर खो दिए थे। हालांकि अब मोदी सरकार ने उन्हें राज्यसभा भेजा है।