भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी पिछले कुछ सालों में सोशल मीडिया को अपना बड़ा हथियार बना चुके हैं। इन्हीं के जरिए वे बीते काफी दिनों से अपनी पार्टी को भी घेरने में जुटे हैं। हालांकि, बीते गुरुवार (10 जून) का दिन इसमें कुछ अलग था। उन्होंने ट्विटर पर अपनी पत्नी को शादी की सालगिरह की शुभकामनाएं देते हुए कहा था, “रोक्सना से मेरी शादी के 55 साल पूरे होने पर आपकी शुभकामनाओं का आभार। जैसा कि उन्होंने किताब में लिखा है कि यह उनके लिए रोलर कोस्टर राइड जैसा रहा। लेकिन फिर भी उन्होंने इसे गुजार लिया।”

सुब्रमण्यम स्वामी को लोग सुप्रीम कोर्ट में एक काबिल वकील और राजनीति में मजबूत और बेबाक नेता के तौर पर पहचानते हैं। हालांकि, उनकी प्रेम कहानी से काफी कम लोग वाकिफ हैं। सुब्रमण्यम स्वामी की शादी 10 जून 1966 को हुई थी। चौंकाने वाली बात तो यह है कि उस दौर में भी सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रेम विवाह किया था।

कैसे हुई रोक्सना से मुलाकात?: सुब्रमण्यम स्वामी की तरह ही उनकी पत्नी भी सुप्रीम कोर्ट की वकील हैं। हालांकि, बेहद कम लोगों को मालूम है कि रोक्सना और सुब्रमण्यम स्वामी की पहली मुलाकात हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हुई थी। साल था 1964 का। उस वक्त रोक्सना हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में मैथमेटिक्स की स्टूडेंट थीं, जबकि सुब्रमण्यम स्वामी इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर थे। बताया जाता है कि स्वामी और रोक्सना की मुलाकात पहली बार एक म्यूजिक कॉन्सर्ट के टिकट सेल के दौरान हुई। इसके बाद दोनों कई बार मिले और बाद में दोस्ती बढ़ते-बढ़ते शादी तक पहुंच गई।

ट्विटर पर कर चुके हैं लव स्टोरी का जिक्र: भाजपा सांसद ने अपनी इस लव स्टोरी का जिक्र पिछले साल ही ट्विटर पर एक यूजर के सवालों का जवाब देते हुए किया था। दरअसल, उनसे पूछा गया था कि शादी का प्रस्ताव किसकी तरफ से आया? और दोनों की शादी किस विधि-विधान से हुई थी। दोनों में से पहले किसने प्रपोज किया था?

इस पर स्वामी ने बताया था कि मैं रोक्सना से साल 1964 में मिला था। वह मैथमैटिक्स और इकोनॉमिक्स की छात्रा थीं। मैंने उन्हें रविशंकर के म्यूजिक कंसर्ट की टिकट बेचने की कोशिश की। साल 1966 में हमारी शादी हुई। एक चीनी बौद्ध ने हमारी शादी कराई जिसके एवज में उसने 40 डॉलर लिए थे। शादी के वक्त मेरी मां भी वहां मौजूद थीं।

स्वामी पर किताब भी लिख चुकी हैं उनकी पत्नी: बता दें कि गणितज्ञ से वकील बनीं रोक्सना कई साल से सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर रही हैं। उन्होंने सुब्रमण्यम स्वामी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित के कई मुकदमों की पैरवी भी की है। स्वामी और रोक्सना की दो बेटियां गीतांजलि और सुहासिनी हैं। वे सुब्रमण्यम स्वामी पर एक किताब- ‘इवॉल्विंग विद सुब्रमण्यम स्वामी: अ रोलर कोस्टर राइड’ भी लिख चुकी हैं।