गौतम अडानी की कंपनियों में निवेश करने वाली तीन कंपनियों को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस मामले में कांग्रेस ने भी कहा था कि सेबी और एनएसडीएल की तरफ से फ्रीज किए गए खातों पर चुप्पी तोड़नी चाहिए। वहीं भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी ट्वीट कर पूछा कि आखिर अडानी ग्रुप में निवेश करने वाली तीन कंपनियों के मालिक कौन हैं? आरोप लगाए जा रहे हैं कि मॉरिशस की फर्जी कंपनियों के जरिए अडानी की कंपनियों का कालाधन सफेद किया जा रहा था।
NSDL की वेबसाइट के मुताबिक मॉरिशस की इन कंपनियों के डीमैट अकाउंट को 31 मई से पहले ही फ्रीज किया जा चुका है। इन कंपनियों ने अडानी की अडानी ट्रांसमिशन में 8.03 फीसदी, अडानी टोटल गैस में 5.92 प्रतिशत और अडानी ग्रीन में 3.58 फीसदी की हिस्सेदारी खरीद रखी है। मालिक के बारे में जानकारी न होने की वजह से ही इनके खाते सीज किए गए हैं। बता दें कि पीएमएलए ऐक्ट के तहत बिनिफिशल ओनरशिप के बारे में पूरी जानकारी देनी अनिवार्य होती है।
अकाउंट फ्रीज होने की खबर के बाद अडानी की कंपनियों को भारी नुकसान भी उठाना पड़ा। अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई। भाजपा सांसद स्वामी के ट्वीट के बाद लोग सोशल मीडिया पर भी तरह-तरह के के कमेंट करने लगे।
एक यूजर ने लिखा, कभी-कभी स्वामी कन्फ्यूज कर देते हैं कि वह समर्थक हैं या विरोधी। एक यूजर ने पुरानी तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा कि इसपर भी कुछ कहिए। दरअसल उस तस्वीर में जयललिता और सोनिया गांधी आपस में बात कर रही थीं और बगल में ही सुब्रमण्यम स्वामी बैठे मुस्कुरा रहे थे।
रजनीश नाम के यूजर ने लिखा, ‘स्वामी जी सचाई यह है कि हिंदुस्तान के लोग सरकार को समझ नहीं पा रहे। दो लोग गुजरात को ही आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बनाना चाह रहे हैं। इसिलिए वे सब कुछ अंबानी अडानी या किसी अन्य गुजराती तो सब कुछ बेच देना चाहते हैं।’ कुछ लोगों ने कमेंट में कहा कि यह तीन कंपनियों वाली बात सही नहीं है वहीं कुछ ने यह भी कहा कि अडानी ही तीनों कंपनियों के मालिक हैं।
बताते चलें कि मॉरिशस की क्रेस्टा फंड, अब्दुल्ला इन्वेस्टमेंटऔर एशिया इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन ने अडानी ग्रुप में लगभग 45 हजार करोड़ का निवेश किया। कांग्रेस का दावा है कि तीनों फंड मॉरिशस के पोर्ट लुई के एक ही पते पर रजिस्टर्ड हैं। यह भी आरोप लगाया गया है कि अडानी ग्रुप की चार कंपनियों ने इनमें 43 हजार 5 सौ करोड़ की हिस्सेदारी खरीद रखी है।