भारत और चीन के बीच सीमा पर पिछले एक महीने से तनाव जारी है। तीन दिन पहले लद्दाख के गलवान में भारतीय जवानों की शहादत के बाद देश में हर तरफ आर्थिक मोर्चे पर चीन के बहिष्कार की मांग उठने लगी है। सरकार ने भी एक के बाद एक अपने कदमों में चीनी निवेश और उत्पादों को धीरे-धीरे भारतीय बाजारों से बाहर निकालने के संकेत दिए हैं। इसी बीच भाजपा सांसद और पूर्व वित्त मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने आर्थिक रूप से सशक्त बनने के लिए सरकार को अपने एक 50 साल पुरानी योजना को लागू करने की सलाह दी है।
स्वामी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, “1970 में नानाजी देशमुख और जगन्नाथ जोशी की मांग पर मैंने स्वदेश योजना तैयार की थी, ताकि जीडीपी को 10 फीसदी की विकास दर से बढ़ाया जा सके।” स्वामी ने कहा, “तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 4 मार्च 1970 को ही लोकसभा के फ्लोर पर उस योजना की निंदा कर दी थी। हालांकि, नरेंद्र मोदी सरकार उस योजना को लागू कर सकते हैं। इसकी बदौलत उन्हें स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग को भी परेशान करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।”
बता दें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों की झड़प में भारतीय सेना के बीस जवान शहीद होने के बाद रेलवे ने चीनी व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। भारतीय रेलवे के साथ एक चीनी इंजीनियरिंग प्रमुख कंपनी एक महत्वपूर्ण टेंडर लगभग खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है। इधर दूरसंचार विभाग (DoT) ने राज्य के स्वामित्व वाली भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) को इसके अपग्रेडेशन में चीन निर्मित उपकरणों का उपयोग नहीं करने के लिए अवगत कराया है।
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भारत के पूर्व वित्त मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी पहले भी सरकार को आर्थिक स्थिति को दुरुस्त करने की सलाह देते रहे हैं। हाल ही में जब कोरोनावायरल महामारी के बाद सरकार ने लॉकडाउन लगाया था, तब लाखों प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने घरों की तरफ निकल गए थे। तब स्वामी ने कहा था कि सरकार को जल्द से जल्द लोगों के लिए आर्थिक पैकेज का ऐलान करना चाहिए। साथ ही छोटे और मध्यम उद्योगों को भी राहत देने की सलाह दी थी।