महंगाई को लेकर विपक्ष के हमलों पर बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा ने पलटवार किया है। उन्होंने सदन में कहा कि महंगाई है ही नहीं, ढूंढ़ते रह जाओगे। उन्होंने कबीरदास के एक दोहे का जिक्र करते हुए विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि महंगाई देखने ये चले थे, महंगाई कहीं मिली नहीं, लेकिन अगर अपने अंदर देखेंगे तो मिलेगा कि उन्हें अपने राज्यों में महंगाई पर चिंता करने की जरूरत है।
उन्होंने केंद्र की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा, “आंकड़ों से नहीं गरीब की थाली वस्तुओं से भरी है और उनसे ही गरीबों का पेट भरा जा रहा है। वो मोदी सरकार भर रही है। ये वास्तविकता है आपको पसंद नहीं आई। आप महंगाई ढूंढ़ रहे हैं, लेकिन मिल ही नहीं रही है क्योंकि महंगाई है ही नहीं।”
वहीं, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने आंकड़े गिनाकर केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, “भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, 71 प्रतिशत भारतीय पौष्टिक खाना जुटाने में असमर्थ और देश में 17 लाख लोग हर साल खराब खाना खाने की वजह से मर रहे हैं। सरकार के अपने आंकड़े कहते हैं कि 2015-16 और 2019-21 के दौरान बच्चों और महिलाओं में अनीमिया तेजी से बढ़ा है। देश में 67 प्रतिशत बच्चों में अनीमिया है और इसके सबसे ज्यादा मामले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात में हैं।”
उन्होंने सदन में आकड़ों के आधार पर यह भी बताया कि देश की 20 करोड़ आबादी को पर्याप्त भोजन नहीं मिल पा रहा है।
इस दौरान, एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी महंगाई को लेकर केंद्र पर हमला बोला और कहा कि देश की मांयें मोदी सरकार से सवाल कर रही हैं कि उन्होंने मासूम बच्चों को दूध और अंडों से महरूम क्यों कर दिया है।
उन्होंने कहा, “वो ट्रक ड्राईवर सवाल कर रहा है कि उसकी आमदनी 2014 नहीं बढ़ी, लेकिन खर्चे दोगुने हो गए। देश का वो प्लंबर सरकार से पूछ रहा है कि वो दो साल से बेरोजगार है और कोरोना के कारण कर्जों में डूब चुका और एक गैस का सिलेंडर भी खरीब नहीं सकता है। मोदी सरकार से देश के नौजवानों की 50 प्रतिशत आबादी पूछ रही है कि बेरोजगार क्यों हैं आपने हमारा मुकद्दर बेरोजगार बनाकर क्यों रख दिया?”