भारतीय जनता पार्टी के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने लोकसभा में बिहार के पिछड़ेपन के मुद्दा को उठाया। शून्यकाल के दौरान भाजपा सांसद ने सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित किया और कहा कि एक पिछड़े राज्य का पिछड़ा व्यक्ति होने के नाते वे सरकार से मांग करते हैं कि बिहार की इस स्थिति को लेकर जरूरी कदम उठाए जाएं।

नीति आयोग की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए भाजपा के सांसद ने कहा कि बिहार सबसे नीचे है जबकि तमिलनाडु सबसे ऊपर है। राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि बिहार काफी पिछड़ गया है। उन्होंने कहा कि देश तब तक नहीं बढ़ सकता है जब तक बिहार आगे नहीं बढ़ पाएगा।

नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, 28 राज्यों में राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक बिहार का 51.91 प्रतिशत है जबकि तमिलनाडु 4 प्रतिशत के करीब है। भाजपा सांसद ने कहा कि बिहार में कुपोषित लोगों की संख्या सबसे अधिक है, पोषण के मामले में हम 52 प्रतिशत कम है। ऐसे में बिहार की प्रगति के बिना देश का विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी आबादी की उपेक्षा करके देश आगे नहीं बढ़ सकता है।

बता दें कि बिहार में भाजपा और जदयू के गठबंधन वाली सरकार है। नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने नीतीश सरकार को घेरा था। लालू यादव ने कहा था कि जो विकास का नारा देते थे, अब नीति आयोग की ये रिपोर्ट आई है। नीतीश कुमार को चुल्लू भर पानी में डूब जाना चाहिए।

नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकारों के तमाम दावों के विपरीत, बिहार की 51.91 प्रतिशत जनसंख्या गरीब है, इसके बाद झारखंड में 42.16 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 37.79 प्रतिशत लोग गरीब हैं। वहीं, केंद्रशासित प्रदेशों में पुडुचेरी में सबसे कम गरीबी है। राज्यों में केरल इस रिपोर्ट में सबसे ऊपर है। गोवा 3.76 प्रतिशत के साथ दूसरे, सिक्किम 3.82 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक का माप, ऑक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल (ओपीएचआई) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा विकसित विश्व स्तर पर स्वीकृत और मजबूत कार्यप्रणाली के आधार पर बनाया गया है। इसमें गरीबी मापने के लिए कई चीजों को ध्यान में रखा गया।