भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे (BJP MP NISHIKANT DUBEY) ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट (SUPREME COURT) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट को कानून बनाना है तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिए। निशिकांत दुबे ने समाचार एजेंसी ANI के साथ बातचीत के दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमा से बाहर जा रहा है और उन्होंने पुराने फैसलों का उदाहरण देते हुए कहा कि देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है।
हालांकि उनके इस बयान से बीजेपी ने किनारा कर लिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने X पर एक पोस्ट के जरिए कहा कि सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा का न्यायपालिका एवं देश के चीफ जस्टिस पर दिए गए बयान से भारतीय जनता पार्टी का कोई लेना–देना नहीं है। यह इनका व्यक्तिगत बयान है।
आर्टिकल 377 को SC ने अबॉलिश किया- निशिकांत दुबे
निशिकांत दुबे ने कहा, “एक आर्टिकल 377 था, जिसमें कहा गया था कि होमोसेक्सुअलिटी एक बड़ा अपराध है। अभी ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन ने साफ कह दिया कि केवल दो ही जेंडर है, या तो मेल या तो फीमेल। कोई भी कम्युनिटी हो, हिंदू हो, मुस्लिम हो, सिख हो, क्रिश्चियन हो, जैन हो, सभी मानते हैं कि होमोसेक्सुअलिटी एक अपराध है। सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत बोल दिया कि नहीं हम यह आर्टिकल अबॉलिश करते हैं। हमने आईटी एक्ट बनाया। शिकार सबसे अधिक कौन हैं? महिलाएं हैं, उनके पॉर्न आते हैं, बच्चों के पॉर्न आते हैं लेकिन अचानक सुप्रीम कोर्ट खड़ा होता है और कहता है हम 66A खत्म करते हैं, IT एक्ट खत्म करते हैं।”
निशिकांत दुबे ने कहा कि मैंने आर्टिकल 141 का अध्ययन किया। उन्होंने कहा, “141 धारा रहती है कि हम यानी संसद जो कानून पास करता है, वह लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक, सभी पर लागू होता है। आर्टिकल 368 कहता है कि पार्लियामेंट को सभी कानून बनाने का अधिकार है। आज सुप्रीम कोर्ट कह रहा है कि 3 महीने में राष्ट्रपति बता दें क्या करना है, 3 महीने में गवर्नर बता दें क्या करना है।”
देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार- निशिकांत दुबे
निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधते हुए कहा, “इस देश में सनातन की परंपरा है। जब रामजन्मभूमि का मामला आया तो सुप्रीम कोर्ट कहता है कागज दिखाओ। श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मामला आया तो कहता है कागज दिखाओ। ज्ञानवापी की बात आएगी तो कहता है कागज दिखाओ। वहीं मुगलों के आने के बाद जो मस्जिदें बनीं हैं, उसको लेकर कहता है कि आप कागज कहां से दिखाओगे? इस देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए केवल और केवल सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है। सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमा से बाहर जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट की सीमा यह है कि भारत का संविधान जिस कानून को बनाए, उसे उसकी व्याख्या करनी चाहिए। अगर सभी बात के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना है तो संसद और विधानसभा का कोई मतलब नहीं है, इसे बंद कर देना चाहिए।”
इसके बाद पत्रकार ने मुर्शिदाबाद हिंसा और वक्फ कानून को लेकर भी निशिकांत दुबे से सवाल किया। इसके जवाब में निशिकांत दुबे ने साफ कहा कि इस देश में जितने भी गृह युद्ध हो रहे हैं उसके जिम्मेदार चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना साहब हैं।
जेपी नड्डा ने क्या कहा?
जेपी नड्डा ने X पर लिखा, “भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा का न्यायपालिका एवं देश के चीफ जस्टिस पर दिए गए बयान से भारतीय जनता पार्टी का कोई लेना–देना नहीं है। यह इनका व्यक्तिगत बयान है, लेकिन भाजपा ऐसे बयानों से न तो कोई इत्तेफाक रखती है और न ही कभी भी ऐसे बयानों का समर्थन करती है। भाजपा इन बयान को सिरे से खारिज करती है।
भारतीय जनता पार्टी ने सदैव ही न्यायपालिका का सम्मान किया है, उनके आदेशों और सुझावों को सहर्ष स्वीकार किया है क्योंकि एक पार्टी के नाते हमारा मानना है कि सर्वोच्च न्यायालय सहित देश की सभी अदालतें हमारे लोकतंत्र का अभिन्न अंग हैं तथा संविधान के संरक्षण का मजबूत आधारस्तंभ हैं। मैंने इन दोनों को और सभी को ऐसे बयान ना देने के लिए निर्देशित किया है।”