भाजपा की कमाई मार्च 2019 में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में दोगुना होकर लगभग 24.10 अरब रुपए तक पहुंच गई। ये कमाई भाजपा की पांच धुर-विरोधी पार्टियों की कुल कमाई से भी दोगुना ज्यादा है। भारतीय जनता पार्टी की कमाई का लगभग दो तिहाई या 14.50 अरब चुनावी बॉन्ड से आया। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के अनुसार ये बॉन्ड व्यक्तियों के अलावा व्यापारियों को भी गुमनाम रूप से राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने की अनुमति देते हैं।

उल्लेखनीय है कि मई 2019 में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा दूसरी बार केंद्र की सत्ता पर काबिज हुई और पार्टी ने 545 लोकसभा सीटों में 300 से ज्यादा पर जीत दर्ज की। आकड़ों की बात करें तो भाजपा की प्रमुख प्रतिद्वंदी कांग्रेस को इसकी कुल 9.18 अरब रुपए की कमाई में 41.7 फीसदी चुनावी बॉन्ड से मिला। रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के अलावा सिर्फ टीएमसी को इसकी कुल कमाई 1.92 अरब में आधा धन चंदा चुनावी बॉन्ड के जरिए मिला।

हालांकि चुनावी चंदा मिलने के मामले में भाजपा ने सबसे बड़ी छलांग लगाई है। पार्टी को वित्त वर्ष 2017-18 के मिले 10.27 अरब रुपए के चंदे के मुकाबले 2018-19 के वित्त वर्ष में ये 24.10 अरब रुपए तक पहुंच गया। खास बात है कि कमाई बढ़ोतरी के कुल फीसदी के मामले में भाजपा पीछे है। इस मामले में कांग्रेस कहीं आगे है और पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव से पहले उसे मिलने वाले चंदे में साढ़े चार गुना की बढ़ोतरी हुई।

फीसदी के मामले में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी टीएमसी के चुनावी चंदे में भी हुई, जिसके चंदे में रिकॉर्ड चालीस गुना की बढ़ोतरी हुई। पश्चिम बंगाल में टीएमसी की सरकार और इस राज्य में 2021 के शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। खास है कि भारत की सबसे बड़ी वामपंथी पार्टी सीपीआईएम के चंदे में गिरावट देखने को मिलीं, ये गिरवाट 3.7 फीसदी की दर्ज की गई। रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 और 18-19 के बीच ये तुलना है।

चुनावी चंदे में बढ़ोतरी के मामले में आर्थिक मुद्दों के लिए भाजपा प्रवक्ता गोपी कृष्णा अग्रवाल और कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंहवी की प्रतिक्रिया नहीं ली जा सकी है। बता दें कि 2017-18 में सरकार द्वारा चुनावी बॉन्ड पेश किए जाने के बाद से राजनीतिक दलों ने अपनी आय में तेजी से बढ़ोतरी दिखाई है।