कर्नाटक विधानसभा में पोर्न देखने वाले विधायक को डिप्टी सीएम बनाए जाने पर बीजेपी एमएलए ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से पूछा है कि ऐसी भी क्या जरूरत थी जो उन्होंने लक्ष्मण सावादी को डिप्टी सीएम पद दे दिया। पार्टी के इस फैसले पर बीजेपी विधायक और येदियुरप्पा के नजदीकी माने जान वाले एमपी रेणुकाचार्य ने कहा है कि ‘ऐसी भी क्या जरूरत थी कि उन्हें (लक्ष्मण सावादी) डिप्टी सीएम पद दे दिया गया और वह भी तब जब उन्हें चुनाव में हार मिली है।’

सावादी को राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के महेश कुमातल्ली से शिकस्त मिली थी। वहीं डिप्टी सीएम पद मिलने पर सावादी ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि ‘राष्ट्रीय और राज्य के नेताओं ने मुझपर भरोसा जताया और मुझे डिप्टी सीएम बनाया। मैं पार्टी को मजबूती देने की कोशिश करूंगा। मैंने कभी भी इस पद के लिए किसी से कुछ नहीं कहा शीर्ष नेताओं ने मुझे यह पद दिया और मैंने इसे स्वीकार किया।

मालूम हो कि कर्नाटक में भाजपा सरकार सत्ता में थी, तब सरकार में मंत्री और भाजपा विधायक लक्ष्मण सावादी विधानसभा की कार्यवाही के दौरान मोबाइल फोन पर पोर्न देखते पकड़े गए थे। इस दौरान तत्कालीन सरकार में पर्यावरण मंत्री जे.कृष्णा पालेमर और महिला एवं बाल विकास मंत्री सीसी पाटिल भी लक्ष्मण सावदी के फोन में पोर्न देखने मशगूल थे। विधानसभा में उस वक्त सूखे के हालात पर चर्चा चल रही थी।

इस दौरान विधानसभा की कार्यवाही कवर कर रहे मीडिया के कैमरों ने इन मंत्रियों को पोर्न देखते रंगे हाथ पकड़ा था। इस घटना के मीडिया में आने के बाद काफी हंगामा हुआ था। विपक्षी पार्टियों ने आरोपी नेताओं के इस्तीफे की भी मांग की थी। हालांकि अपने बचान में मंत्री लक्ष्मण सावादी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि ‘मिस्टर पालेमार मुझे पश्चिमी देश में हुए एक महिला के गैंगरेप की वीडियो दिखा रहे थे, जिसे ब्लू फिल्म समझ लिया गया, लेकिन वह ब्लू फिल्म नहीं थी।’