संदेशखाली मामला काफी तूल पकड़ चुका है। ममता बनर्जी की सरकार और बीजेपी इस मामले को लेकर आमने-सामने है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी, शंकर घोष संदेशखाली पहुंच गए हैं।
पश्चिम बंगाल हाईकोर्ट ने इस मामले पर सख्त टिप्पणी की है और पूछा है कि अबतक आरोपी शाहजहां शेख गिरफ्त से बाहर कैसे है? पुलिस आरोपी को पकड़ने में असमर्थ क्यों है? इस दौरान लेफ्ट नेता वृन्दा करात भी संदेशखाली पीड़ितों से मुलाकात करने पहुँचीं थी लेकिन उन्हें रोक दिया गया था।
पुलिस ने रोक दिया था
कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने मंगलवार को भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी को संदेशखाली का दौरा करने की अनुमति दी थी। अदालत का आदेश तब आया जब सुवेंदु अधिकारी को कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश पीठ द्वारा अनुमति दिए जाने के बावजूद पुलिस ने उत्तर 24 परगना जिले में मौजूद संदेशखाली जाने से रोक था।
मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अगुवाई वाली खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और बीजेपी नेता को कुछ शर्तों के साथ परमिशन दे दी थी। उन्हें अपने साथ किसी भी समर्थक को ले जाने की इजाजत नहीं थी। सुवेंदु अधिकारी के अलावा भाजपा विधायक शंकर घोष को भी संदेशकली जाने की अनुमति दी गई थी। हाईकोर्ट ने इस मामले को लेकर सख्त टिप्पणी भी की है कि अब तक आरोपी शाह जहां शेख को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया और पुलिस इसमें असमर्थ क्यों है?