आजतक पर एक डिबेट शो में 26 जनवरी की घटना को लेकर चल रहे बहस में बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कल तक दीप सिद्धू अंग्रेजी बोलने वाला किसान था। लेकिन जब उसने 26 जनवरी की घटना को अंजाम दे दिया तो विपक्षी दल पीछे हट गए। लेकिन इश्क और मुश्क छिपाए नहीं छिपते हैं। सच्चाई में कौन किसके साथ है वो सब जानते हैं।

बीजेपी नेता ने कहा कि 1993-1995 में सपा-बसपा की सरकार ने सबसे जधन्य अपराधियों में से एक फूलन देवी के ऊपर से सभी केस वापस ले लिए थे। अगर आज फूलन देवी जीवित होती तो वो पूरी तरह से निष्कलंक होती! बीजेपी नेता ने सवाल उठाते हुए कहा कि फूलनदेवी पर मुकदमा नहीं और आडवाणी, जोशी जी पर मुकदमा? ये बेंचमार्क होता है क्या? फूलनदेवी ने खड़े कर के लोगों को गोली मार दी थी।

शो के एंकर रोहित सरदाना ने बीजेपी नेता को रोकते हुए कहा कि मैं समझता हूं कि आप लोग उत्तर प्रदेश की राजनीति से जुड़े हुए हैं लेकिन आज का बहस लाल किले की हिंसा का उनके आरपियों के खिलाफ चल रहे मुकदमों का और अब तक हुई कार्रवाई का है। साथ ही उन्होंने कहा कि टूलकिट के मामले में सरकार को अदालत में झटका लगा है।

जवाब देते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जमानत मिलने पर खुश होना कांग्रेस की आदत रही है। इनके नेता भी जमानत पर हैं। अभी तो बस जमानत मिली है। अदालत ने निर्णय नहीं दिया। जिस दिन अंतिम निर्णय आ जाए उस दिन आप तय कर सकते हैं, अभी तो जांच चल रही है।

बीजेपी प्रवक्ता ने सवाल उठाते हुए कहा कि टूलकिट का इस आंदोलन से मतलब क्यों है? ऐसे-ऐसे लोग इस किसान आंदोलन को समर्थन कर रहे हैं जिनका 38 हजार डॉलर सिर्फ मेकअप का खर्चा है, वो क्या कर रहे हैं? साथ ही उन्होंने कहा कि धनिया, पुदीना के पत्तों में वो अंतर नहीं बता पाएंगे और वो भी आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं।