बीजेपी सांसद मनोज तिवारी उस वक्त ट्रोल्स के निशाने पर आ गए जब उन्होंने खुद को 2012 गैंगरेप पीड़िता का भाई कह दिया। तिवारी ने एक ट्वीट के जरिए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के 2012 गैंगरेप मामले में फैसले पर प्रतिक्रिया दी। कोर्ट ने गैंगरेप के चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी किया है।
कोर्ट के इस फैसले पर तिवारी ने ट्वीट किया ‘गैंगरेप पीड़िता का एक भाई होने के नाते, आज कोर्ट की तरफ से दिए गए फैसले को सुनकर मैं बहुत ही राहत महसूस कर रहा हूं। मैं उनके परिवार के साथ पूरे समर्थन में खड़ा हूं।’ इस ट्वीट पर ट्रोल्स ने उनकी जमकर खिंचाई की। एक यूजर ने कहा ‘आप कब से भाई बन गए? कभी उनसे मिलने तक तो गए नहीं। अब Sympthi लेने आ रहे हो।’ एक यूजर ने कहा ‘अब किस बात का सपोर्ट, सब निपट गया है। सपोर्ट सेंगर वाले केस में दीजिए।’
एक यूजर कहते हैं ‘अब इन सारे रेपिस्टों के पास एक ऑप्शन है फांसी से बचने का ये सब 22 से पहले भाजपा ज्वॉइन कर सकते हैं।’ एक यूजर ने कहा ‘आप उसे अपनी बहन बोल रहे हो लेकिन उनके परिवार के लिए कभी कुछ नहीं किया और एक राहुल गांधी हैं जिन्होंने चुप-चुप गैंगरेप पीड़िता के भाई के पायलट ट्रेनिंग का सारा खर्चा उठा लिया।’ एक यूजर कहते हैं ‘आपकी ही पार्टी के नेताओं को बलात्कार के लिए गिरफ्तार किया गया है और कुछ पर अभी भी बलात्कार का आरोप है और आप खुद को पीड़िता का भाई कहते हैं।’
बता दें कि मामले में कोर्ट द्वारा चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी कर दिया गया है। सभी दोषियों को 22 जनवरी सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी पर लटकाया जाएगा। हालांकि, कोर्ट ने इन दोषियों को अन्य विकल्पों के इस्तेमाल के लिए 14 दिन की मोहलत दी है। कोर्ट से डेथ वारंट जारी होने के बाद दोषियों का मेडिकल चेकअप किया गया और उन्हें तिहाड़ की जेल नंबर तीन में सभी को भेजा जाएगा। इसके अलावा कल फांसी घर का निरीक्षण होगा।