भारतीय जनता पार्टी ने नेता दयाशंकर सिंह को बुधवार (20 जुलाई) को मायावती पर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए निलंबित कर दिया है। सिंह को पार्टी ने 6 साल के लिए निलंबित कर दिया है। उधर बहुजन समाजवादी पार्टी की प्रमुख मायावती ने भी पार्टी ने राजनीतिक घेराबंदी शुरू कर दी है। बसपा ने बीजेपी के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए अपने सभी नेताओं को लखनऊ बुलाया है। गौरतलब है कि सिंह ने मायावती की तुलना वैश्या से की थी।
बसपा ने बीजेपी को घेरते हुए लखनऊ में दयाशंकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। इससे पहले, मायावती ने रास में इस मामले पर बोलते हुए चेतावनी दी थी कि अगर सिंह को गिरफ्तार नहीं किया गया तो लोग सड़कों पर उतर आएंगे और इसके लिए वे जिम्मेदार नहीं होंगी। बीजेपी ने मामले पर बढ़ते विवाद को देखते हुए दयाशंकर सिंह को प्रदेश उपाध्यक्ष पद से पहले ही हटा दिया है। मालूम हो कि भाजपा ने हफ्ते भर पहले ही उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी थी।
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने 12 जुलाई को प्रदेश कार्यकारिणी का ऐलान किया था। इसमें 15 उपाध्यक्ष बनाए गए थे, जिनमें दयाशंकर सिंह भी शामिल थे। भाजपा के प्रान्तीय अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘दयाशंकर सिंह को उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। उन्हें पार्टी की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया है। ऐसी भाषा का उपयोग करने वाले व्यक्ति का भाजपा में कोई स्थान नहीं है।’ उन्होंने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बयान देने में भाषा का ध्यान रखने की ताकीद करते हुए कहा है कि किसी पर टिप्पणी करने में मर्यादा का ध्यान रखें।