दिल्ली के शाहीन बाग में कई दिनों से प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं में से दो ने अमित मालवीय को मानहानि का नोटिस भेजा है। मालवीय बीजेपी आईटी सेल के मुखिया हैं। उन्होंने एक वीडियो शेयर कर शाहीन बाग में प्रदर्शन को प्रायोजित और कांग्रेस का खेल बताया था। मालवीय को भेजे गए कानूनी नोटिस में उनसे एक करोड़ रुपए हर्जाने और माफी की मांग की गई है। यह नोटिस उन्हें वकील महमूद प्रचा के दफ्तर की ओर से भेजा गया है। नोटिस भेजने वाली महिलाओं के नाम नफीसा बानो (जाकिर नगर) और शहजाद फातिमा (शाहीन बाग) बताए जाते हैं।
बता दें कि CAA और प्रस्तावित NRC के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में लगभग महीने भर से महिलाएं धरने पर डटी हैं। दुधमुंहे बच्चों को लेकर वे प्रदर्शन कर रही हैं। उनका कहना है कि नागरिकता को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लिए गए हालिया फैसले संविधान के खिलाफ हैं। यही वजह है कि वे कागज (नागरिकता के प्रमाण संबंधी) नहीं दिखाएंगी। उनके विरोध को पुरुषों का भी पूरा साथ मिला है।
इसी बीच, सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया, जिसमें कुछ लोग आपस में इस धरने के बारे में बात करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में यह कहते सुना जा सकता है कि इस धरने में औरतों की कथित तौर पर शिफ्ट लगती है और, उन्हें इसके लिए 500 से 700 रुपए भी मिल रहे हैं।
इतना ही नहीं, वे लोग क्लिप में यह भी कहते पाए गए कि प्रदर्शन में चाय-बिरयानी आदि का इंतजाम भी उन लोगों के लिए रहता है। माइक्रोब्लॉगिंग साइट टि्वटर समेत अन्य प्लैटफॉर्म्स पर यह वीडियो शेयर किया जा रहा है। बीजेपी के कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इसे पोस्ट करते हुए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पर निशाना साधा। इसी वीडियो को पोस्ट करते हुए अमित मालवीय ने शाहीन बाग के प्रदर्शन को प्रायोजित और कांग्रेस का खेल बताया था।
Shaheen Bagh protest is sponsored… सारा कांग्रेस का खेल है… pic.twitter.com/JOKIO2qK7P
— Amit Malviya (@amitmalviya) January 15, 2020
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा और आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इस क्लिप को शेयर किया है। करीब डेढ़ मिनट के वीडियो में एक युवक अन्य शख्स को समझाते हुए नजर आ रहा है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ धरना-प्रर्दशन पैसे लेकर किया जा रहा है।
वायरल वीडियो में युवक आगे कहता है, “कालिंदी कुंज में जो महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं वो पांच-पांच सौ रुपए ले रही हैं। इन सभी लोगों की शिफ्ट होती है। मतलब लोग पूरे होने चाहिए। जैसे एक हजार लोगों की जरुरत हैं तो एक हजार लोग वहां होने चाहिए। पांच सौ महिलाएं प्रदर्शन स्थल से जाएंगी तो दूसरी पांच सौ औरतें वहां आकर बैठ जाएंगी।’
कई लोगों ने इस वीडियो को सत्तारूढ़ दल का प्रोपेगेंडा करार दिया, जबकि कुछ का कहना है कि यह वीडियो फर्जी है। फिलहाल इस वीडियो की सत्यता को लेकर कोई पुष्टि नहीं हो सकी है। जनसत्ता.कॉम भी इस वायरल वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं कर पाया है। अमित मालवीय को भेजे गए नोटिस में भी कहा गया है कि वह सत्ताधारी पार्टी के सदस्य हैं, लिहाजा निहित स्वार्थ के चलते जन आंदोलन को बदनाम कर रहे हैं। वीडियो में कही जा रही बातें न केवल झूठी हैं, बल्कि देश-विदेश में प्रदर्शनकारियों को बदनाम करने वाली हैं।
बता दें कि हाल में सैकड़ों सिख पंजाब से शाहीन बाग पहुंचे और CAA, NRC और NPR के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों में शामिल हो गए। मोगा, बरनाला, लुधियाना, पटियाला, संगरूर जिलों के लगभग 350 सिख किसान यूनियन (एकता) (उग्रा) के बैनर तले मौके पर पहुंचे और इन लोगों ने वहां लंगर कराया।
प्रदर्शन कर रहे लोगों की प्रमुख मांग है कि सरकार नागरिकता संशोधन कानून को तत्काल प्रभाव से वापस ले, क्योंकि यह संविधान विरोधी है। बता दें कि इस तरह के विरोध-प्रदर्शन उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों में भी जारी हैं।