Opposition Unity VS NDA: अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनावों को देखते हुए एक तरफ जहां विपक्ष मोदी सरकार का मुकाबला करने के लिए एकजुट हो रही है, वहीं दूसरी तरफ भाजपा के नेतृत्व में एनडीए का कुनबा भी बढ़ रहा है। इसमें कई नए दल जुड़ रहे हैं। 18 जुलाई को नई दिल्ली में एनडीए के सभी नए और पुराने दलों के नेताओं की बैठक होगी। इसमें शामिल होने के लिए कई दलों को पहली बार बुलाया गया है। महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और डिप्टी सीएम अजित पवार के खेमे वाली एनसीपी को भी न्योता भेजा गया है।
जनसेना पार्टी के मुखिया को मिला BJP अध्यक्ष नड्डा का पत्र
जिन दलों को निमंत्रण भेजे गये हैं, उनमें दक्षिण के जनसेना पार्टी भी शामिल है। इसके नेता पवन कल्याण को एनडीए की बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। पार्टी के राजनीतिक सचिव पी. हरिप्रसाद ने बताया कि भाजपा अध्यक्ष की ओर से आमंत्रण पत्र मिला है। बैठक में शामिल होने के लिए जनसेना अध्यक्ष पवन कल्याण और पार्टी के राजनीतिक मामलों की समिति के अध्यक्ष नादेंडला मनोहर 17 जुलाई को दिल्ली जा रहे हैं।
चिराग पासवान से दूसरी बार मिले केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय
इसके अलावा लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के नेता चिराग पासवान और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतन राम मांझी को भी भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पत्र लिखकर आमंत्रित किया है। मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन ने मीडिया से कहा कि वह 18 जुलाई को होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगे। सुमन ने कहा कि उन्हें भी बैठक में शामिल होने का नड्डा से न्योता मिला है। चिराग पासवान से केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने शुक्रवार रात मुलाकात की थी।
एक हफ्ते में दोनों नेताओं के बीच यह दूसरी मुलाकात थी। पत्र में नड्डा ने लोजपा (आर) को एनडीए का एक प्रमुख घटक दल करार दिया। उन्होंने इस पार्टी को गरीबों के विकास एवं कल्याण के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों में एक प्रमुख भागीदार बताया। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा अध्यक्ष ने कई अन्य दलों के नेताओं को भी ऐसे पत्र लिखे हैं। इनमें वे दल भी शामिल हैं, जिन्हें भाजपा 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले अपने साथ जोड़ने की कोशिशों में जुटी है।
एनडीए की बैठक में भाजपा के कई नये सहयोगी दलों के हिस्सा लेने की संभावना है, जिनमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), बिहार और उत्तर प्रदेश के विभिन्न छोटे दल और पूर्वोत्तर राज्यों के क्षेत्रीय दल शामिल हैं। बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भी मौजूद रहने की उम्मीद है। बैठक को आगामी लोकसभा चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन करने की राजग की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान यह पहली बार है, जब उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना गुट, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और जनता दल (यूनाइटेड) सहित कई पुराने और प्रमुख सहयोगियों के विभिन्न मुद्दों को लेकर भाजपा से नाता तोड़ने के बाद इतने बड़े पैमाने पर राजग की बैठक हो रही है।