जनसंघ संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 118वीं जयंती के मौके पर शनिवार को जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में उनकी एक 17.5 मीटर ऊंची मूर्ति का अनावरण किया गया। यह कश्मीर में उनकी पहली प्रतिमा है। एक कार्यक्रम में केंद्र सरकार के मंत्री जितेंद्र सिंह ने प्रतिमा का अनावरण किया। कार्यक्रम में बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना, पूर्व सांसद महेश गिरी, प्रदेश अध्यक्ष रवींदर रैना, स्पीकर निर्मला सिंह समेत कई वरिष्ठ भाजपा नेता शामिल हुए।

पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने मूर्ति का अनावरण करते हुए कहा, ‘भले ही मुखर्जी का जन्म जम्मू-कश्मीर में न हुआ हो लेकिन राज्य में उनके बलिदान ने यह संदेश दिया कि राष्ट्र और राष्ट्रहित किसी भारतीय के लिए सर्वोपरि हैं और केंद्र सरकार व इस राज्य के बीच रिश्तों में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए।’

बता दें कि मुखर्जी ने कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 का बेहद सख्ती से विरोध किया था। 1953 में जम्मू-कश्मीर में गिरफ्तारी के बाद उनकी संदिग्ध हालात में मृत्यु हो गई थी। कार्यक्रम में मौजूद खन्ना ने कहा कि मुखर्जी की प्रतिमा का लगाया जाना उनको सर्वोच्च बलिदान के प्रति असली श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा कि ‘एक विधान एक निशान एक प्रधान’ आंदोलन के तले राज्य के राष्ट्रवादी लोगों को एक साथ खड़ा करने के लिए मुखर्जी के योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रैना ने कहा कि मूर्ति का अनावरण न केवल मुखर्जी को दी गई सच्ची श्रद्धांजलि है, बल्कि उनके अधूरे छोड़े गए कार्यों को पूरा करने की दिशा में ली गई प्रतिज्ञा भी है। असेंबली स्पीकर और पूर्व डिप्टी सीएम निर्मल सिंह ने कहा कि मुखर्जी ने देश हित में आरामदेह जिंदगी का त्याग करते हुए एक आंदोलन की अगुआई की।