उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिये प्रदेश चुनाव समिति के सदस्यों के नामों की घोषणा कर दी गई है। इस समिति में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत 24 लोगों को शामिल किया गया है। लेकिन सबसे बड़ी बात दो दिखा वो लखीमपुर के सांसद अजय मिश्रा उर्फ टेनी को इससे दूर ही रखा गया है। यानि बीजेपी किसानों की नाराजगी लेने से बचने के लिए टेनी से किनारा कर रही है।
उप्र भाजपा के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के अनुमोदन के उपरान्त पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री अरूण सिंह ने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश चुनाव समिति के सदस्यों के नामों की घोषणा की है। समिति के सदस्यों में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा के अलावा केंद्रीय मंत्री संजीव बाल्यान तथा एसपी सिंह बघेल को शामिल किया गया हैं।
ध्यान रहे कि भाजपा ने ब्राह्मण वोटों को अपने पाले में करने के लिए जो ब्राह्मण नेताओं की एक कमेटी बनाई है, उसमें भी अजय मिश्र उर्फ टेनी महाराज को नहीं रखा गया। हालांकि, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के दिल्ली स्थित आवास पर ब्राह्मण नेताओं की जो कमेटी बनी, उसमें उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, राज्य सरकार के मंत्री श्रीकांत शर्मा व कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए जितिन प्रसाद के साथ टेनी महाराज भी शामिल हुए थे। लेकिन आधिकारिक तौर पर टेनी को इसमें शामिल नहीं किया गया।
खास है कि उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण एक बड़ा वोट बैंक है। यही वजह है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगाकर तीनों कृषि कानून तो वापस ले लिए, किसानों की सारी बातें भी मानने को राजी हो गए लेकिन केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी महाराज को सरकार से हटाने या उनका इस्तीफा लेने की मांग नहीं मानी। आंदोलनकारी किसान जोर लगाते रहे और समूचा विपक्ष संसद में इसके लिए अड़ा रहा लेकिन सरकार टस से मस नहीं हुई। कुछ कार्यक्रमों और कुछ दिन संसद से जरूर टेनी महाराज को बाहर रखा गया। उनको हटाया नहीं गया।