Lok Sabha Elections: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने उम्मीदवारों की पांचवी लिस्ट रविवार को जारी कर दी है। शनिवार को बीजेपी के दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में मंथन होने के बाद अब पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी। भारतीय जनता पार्टी ने काफी लंबे समय बाद उत्तर प्रदेश की 13 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान तो कर दिया लेकिन कांग्रेस पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल रही रायबरेली सीट को लेकर कोई भी घोषणा नहीं की। रायबरेली की सीट पर किसी भी प्रत्याशी को चुनावी अखाड़े में उतारने से पहले बीजेपी को इस बात का इंतजार है कि कांग्रेस यहां से किसे टिकट देती है।
राजनीतिक हलकों में काफी चर्चा है कि कांग्रेस पार्टी रायबरेली से प्रियंका गांधी या राहुल गांधी में से किसी एक को चुनाव लड़वा सकती है। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने अपना स्वास्थ्य सही ना रहने की वजह से इस सीट से चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जाहिर की है। इसकी बजाय उन्होंने राज्यसभा जाने का फैसला किया। इसके बाद बीजेपी का फोकस इस रणनीति पर है कि गांधी परिवार की इस एक मात्र सीट पर भी कब्जा जमाया जाए। इसी वजह से पार्टी थोड़ा इंतजार कर रही है।
बीजेपी ने इन नेताओं पर चला दांव
बीजेपी ने मेरठ लोकसभा सीट से चर्चित धार्मिक टीवी सीरियल रामायण में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। सहारनपुर से राघव लखनपाल को टिकट दिया गया है तो वहीं, मुरादाबाद से सर्वेश सिंह को, गाजियाबाद से अतुल गर्ग को टिकट मिला है। अलीगढ़ से सतीश गौतम को टिकट दिया गया है तो वहीं, हाथरस से अनूप वाल्मीकि को, बदायूं से दुर्विजय सिंह शाक्य को, बरेली से छत्रपाल सिंह गंगवार को, पीलीभीत से जितिन प्रसाद को, सुल्तानपुर से मेनका गांधी को, कानपुर से रमेश अवस्थी को टिकट मिला है। बाराबंकी से जहां बीजेपी ने राजरानी रावत को टिकट दिया है तो वहीं, बहराईच से अरविंद गोंड को चुनावी मैदान में उतारा है।
रायबरेली सीट का जातिगत समीकरण
2004 के चुनाव से सोनिया गांधी की रायबरेली सीट पर एंट्री हुई और उन्होंने जीत का लगातार सिलसिला बनाए रखा है। 2004, के बाद 2006 के उपचुनाव, 2009, 2014 और 2019 में सोनिया गांधी ने लगातार पांच बार जीत दर्ज की है। 2014 के चुनाव में जब हर जगह मोदी लहर का असर नजर आ रहा था तब भी कांग्रेस पार्टी की नेता सोनिया गांधी ने बीजेपी के उम्मीदवार अजय अग्रवाल को करारी शिकस्त दी थी।
2019 के चुनाव में भी सोनिया गांधी ने ही जीत दर्ज की। बता दें कि हाईप्रोफाइल सीट पर किसी भी तरह का जातीय फैक्टर काम नहीं करता है। यहां पर कांग्रेस पार्टी का ही दबदबा रहा है। 2019 के इलेक्शन में यहां पर एससी कैटेगरी के वोटर्स की संख्या 32 प्रतिशत से ज्यादा थी। ब्राह्मण वोटर्स की संख्या 11 फीसदी रही थी। वहीं, ठाकुर वोटर्स की संख्या 9 फीसदी से ज्यादा थी। मुस्लिम वोटर्स की संख्या 6 फीसदी के करीब है।