महाराष्ट्र की राजनीति में ‘विज्ञापन विवाद’ से एक बार फिर हलचल दिखाई दे रही है। शिवसेना (शिंदे गुट) ने मंगलवार (13 जून) को महाराष्ट्र के अखबारों के ज़रिए एक विज्ञापन जारी किया था। इस विज्ञापन में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को प्रमुखता से दिखाया गया था देवेन्द्र फडणवीस इस विज्ञापन से नदारद थे। इस मुद्दे को लेकर चर्चा के दौर के बीच महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर  बावनकुले ने गुरुवार को कहा कि एक परिवार में, भाइयों में भी मतभेद और लड़ाई हो सकती है। 

इस मामले को ज़्यादा गंभीर ना लेने की बात करते हुए चंद्रशेखर  बावनकुले ने कहा, “एक परिवार में दो भाई भी लड़ते हैं. इसलिए मतभेद हो सकते हैं. अब जब विज्ञापन आ गया है और सब कुछ स्पष्ट है, तो मुझे लगता है कि हमें इस मामले को बंद कर देना चाहिए.”।

Maharashtra : क्या है विज्ञापन विवाद? क्यों उठे सवाल

शिवसेना (उद्धव गुट) ने सवाल उठाया था कि महाराष्ट्र की ‘विज्ञापनबाज़’ सरकार ने एक विज्ञापन जारी किया है जिसमें पीएम मोदी को प्रमुखता से दिखाया है लेकिन बाल ठाकरे की तस्वीर नदारद है। इसके साथ ही डिप्टी सीएम देवेन्द्र फडणवीस की तस्वीर भी इस विज्ञापन से नदारद था। चर्चा हुई कि क्या एकनाथ शिंदे ने खुद को इस विज्ञापन के ज़रिए प्रमुखता से दिखाने की कोशिश की है। इस चर्चा का असर यह हुआ है कि सरकार ने अगले ही दिन एक और विज्ञापन जारी किया, जिसमें महाराष्ट्र के विकास में दोनों नेताओं के योगदान को प्रमुखता से दिखाया गया। 

पहले जारी किए गए विज्ञापन में लिखा था, “पीएम मोदी भारत के लिए, एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के लिए”, इसमें दिखाने की कोशिश की गयी थी कि महाराष्ट्र में सीएम एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम देवेन्द्र फडणवीस से ज़्यादा माने जाते हैं।  नए विज्ञापन में जिसे आज जारी किया गया है, लिखा है- 49 प्रतिशत लोग महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे-देवेन्द्र फडणवीस की जोड़ी के नाम पर वोट करते हैं। 

नए विज्ञापन में पीएम मोदी और अमित शाह के साथ बाल ठाकरे की तस्वीर मौजूद है। पिछले विज्ञापन में बाल ठाकरे विज्ञापन से नदारद थे। इसके बाद शिवसेना (उद्धव ठाकरे) की ओर से मुखपत्र सामना में इसपर कटाक्ष किया गया था। इसके अलावा अब विज्ञापन में शिंदे सरकार के सभी मंत्रियों की तस्वीर लगाई गयी हैं। विज्ञापन में यह बड़ा बदलाव भाजपा की ओर से नाराजगी के बाद हुआ है, ऐसे संकेत दिखाई देते हैं।