असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। अब उन्होंने दावा किया है कि पिछले लोकसभा चुनाव में लाभार्थी योजनाओं के कारण भाजपा को हर अल्पसंख्यक सीट पर 30,000-40,000 वोट मिले थे। उन्होंने कहा कि बीजेपी अगर आक्रामक तरीके से प्रचार करती है तो वह ऐसे कई विधानसभा सीटों पर जीत हासिल कर सकती है। हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि बीजेपी अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों से सीटें नहीं जीत पाती है क्योंकि उस तरह की मेहनत नहीं हो पाती है।

असम CM ने कहा,“अगर हम (अल्पसंख्यक क्षेत्रों में) आक्रामक तरीके से वोट मांगने का फैसला करते हैं, तो मेरा मानना ​​है कि हम बहुत सारे निर्वाचन क्षेत्र जीतने में सक्षम होंगे।”

क्या बोले हिमंत बिस्वा सरमा?

मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनाव के विश्लेषण से पता चला है कि भाजपा को हर अल्पसंख्यक निर्वाचन क्षेत्र में 30,000-40,000 वोट मिले हैं। उन्होंने कहा, “यहां तक ​​कि जहां 100 प्रतिशत अल्पसंख्यक मतदाता हैं, वहां भी हमें उतने ही वोट मिले, जितने हमें पहले नहीं मिले थे।” सरमा ने इतनी बड़ी संख्या में वोट मिलने का श्रेय गरीब परिवारों की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई योजनाओं को दिया।

CM हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि सरकार सभी लोगों के लिए अस्पताल बनाने, एम्बुलेंस सेवाएं प्रदान करने और योजनाओं को समान रूप से वितरित करने जैसे विकास कार्य जारी रखेगी। उन्होंने कहा, “हमने इस पहलू में किसी की उपेक्षा नहीं की है। यही कारण है कि हमारे पास बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक दोनों क्षेत्रों में लाभार्थियों की संख्या समान है।”

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CM हिमंत बिस्वा सरमा ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बिना किसी तुष्टीकरण की राजनीति के, भाजपा ने असम के विधानसभा क्षेत्र में अल्पसंख्यकों की विजय प्राप्त की। आने वाले दिनों में हम ऐसी ही 4-5 और पार्टियों पर बीजेपी को नंबर 1 पार्टी के रूप में स्थापित करेंगे। असम के मुख्यमंत्री इस तरह के बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं।