जद (एकी) ने आरोप लगाया है कि चंद माह बाद होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में खर्च के सारे रिकॉर्ड भाजपा तोड़ने जा रही है। इसके लिए उसने 250 करोड़ रुपए मूल्य की साड़ियां, गमछे व टोपियां बंटवाने की तैयारी की है। प्रधानमंत्री का 25 जुलाई का बिहार दौरा भी विवादास्पद हो गया है क्योंकि जिन कार्यक्रमों में उनके साथ मुख्यमंत्री शामिल होंगे उनके शिलापट्ट से नीतीश कुमार का नाम गायब है।
पार्टी के प्रधान महासचिव व सांसद केसी त्यागी ने संवाददाताओं को बताया कि बिहार चुनाव के सहप्रभारी सीआर पाटिल ने गुजरात के 100 उद्योपतियों को चुनाव में बांटे जाने के लिए 20 लाख साड़ियां तैयार करने की जिम्मादारी सौंपी है। उन्होंने वहां के एक साड़ी निर्माता द्वारा तैयार की गई साड़ियां व उनके पैकेट भी दिखाए। उन्होने कहा कि ये साड़ियां 500 से 1500 रुपए के बीच की कीमत की हैं। इन्हें जिन भगवा रंग के लिफाफों में बांटा जाएगा उन पर नरेंद्र मोदी की तस्वीर, कमल का फूल व नारे भी छापे गए हैं।
जद(एकी) नेता ने साड़ियां व लिफाफे दिखाते हुए बताया कि बड़ी तादाद में बिंदियां,गमछे, मुसलमानों द्वारा पहनी जाने वाली स्कल कैप भी तैयार करवाई गर्इं हैं। इनके अलावा रैली की भी व्यापाक स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। इससे पहले कभी यह देखने के लिए नहीं मिला कि रैलियों में इस तरह से लोगों को लाया गया हो। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले बजट में गुजरात के हीरा सोना व्यापारियों को 70,000 करोड़ रुपए की सीमा शुल्क में राहत दी गई थी। अब इसकी बिहार चुनाव में वसूली की जा रही है। उन्होंने कहा कि वे गठबंधन के दलों के साथ मिल कर चुनाव आयोग से इस बारे में शिकायत करेंगे।
केसी त्यागी ने कहा कि सबसे ज्यादा दुख तो इस बात का है कि बिहार में जिन परियोजनाओं के उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री मौजूद होंगे उनके शिलापट पर प्रधानमंत्री का तो नाम होगा पर नीतीश कुमार का नहीं। जबकि इनमें से अधिकांश परियोजनाएं यूपीए या पिछली एनडीए सरकार के कार्यकाल के दौरान स्वीकृत हुई थीं।