केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह की रविवार (07 जून) को शाम में बिहार में डिजिटल रैली है। इसके जरिए अमित शाह पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच चुनावी आगाज करने जा रहे हैं और उन्हें बूथ लेवेल तक तैयारी करने का संदेश देने जा रहे हैं लेकिन इस बीच बिहार एनडीए के एक बड़े घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने एक बयान देकर खलबली मचा दी है। उन्होंने कहा है कि आगामी चुनाव में नेतृत्व किसके हाथों में होगा यह बीजेपी तय करेगी। अमित शाह की डिजिटल रैली को चुनावी प्रचार की शुरुआत भी माना जा रहा है लेकिन चिराग पासवान के बयान के अलग-अलग मतलब निकाले जाने लगे हैं। पासवान ने कहा कि वो हर फैसले में बीजेपी के साथ हैं। चाहें नीतीश कुमार का नेतृत्व जारी रखना हो या उसे बदलने की बात हो, वो बीजेपी के साथ रहेंगे।
चिराग पासवान के पिता रामविलास पासवान, जो केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री हैं, ने भी कुछ दिनों पहले नीतीश कुमार सरकार के प्रवासी मजदूरों की वापसी नहीं कराने के फैसले पर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार इस संकट से निपटने में अच्छी तरह से कारगर नहीं रही।
पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में चिराग पासवान ने कहा, “चेहरा कौन होगा? गठबंधन का नेता कौन होगा? यह कुछ ऐसा है जो उसके सबसे बड़े घटक भाजपा को तय करना है। भाजपा जो भी निर्णय लेगी उसमें लोजपा दृढ़ता के साथ खड़ी रहेगी। अगर वे (भाजपा) नीतीश कुमार जी के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं। तब भी हम उनके साथ हैं, अगर वे बदलाव का मन बनाना चाहते हैं, तब भी साथ हैं। भाजपा जो भी फैसला लेगी, हम समर्थन करेंगे।”
इसके साथ ही पासवान ने दावा किया कि एनडीए बिहार में वापसी करेगी और 242 सीटों में से 225 पर जीत दर्ज करेगी। बता दें कि इस साल के अक्टूबर-नवंबर तक होने वाले चुनाव के लिए भाजपा पहले ही नीतीश कुमार को सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित कर चुकी है लोकिन प्रवासी संकट, कोरोनोवायरस और लॉकडाउन के बीच जेडीयू और बीजेपी में सियासी दरार की अटकलें लगाई जाती रही हैं। इन अटकलों के बीच अमित शाह डिजिटल रैली कर रहे हैं। उनकी ऑनलाइन रैली पर सभी की निगाहें टिकी गैं कि वो पुराने संबंधों और फैसलों को तबज्जो देते हैं या फिर सियासत की नई लाइन खींचते हैं।
उधर, जेडीयू के कुछ नेताओं को मानना है कि चिराग पासवान बीजेपी के इशारे पर ही ऐसा बयान दे रहे हैं। बावजूद इसके यह साफ है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही बिहार विधान सभा चुनाव लड़ा जाएगा। जेडीयू का कहना है कि बीजेपी और जेडीयू चुनावी राजनीति की दशा-दिशा तय करेगी, लोजपा जैसी पार्टी नहीं। कई मौकों पर उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी भी इसका उल्लेख कर चुके हैं कि नीतीश कुमार ही बिहार के नेतृत्वकर्ता हैं।

